आज देशभर में सुहागिन महिलाएं करवा चौथ व्रत बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मना रही हैं। यह व्रत पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए रखा जाता है।
इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। खास बात यह है कि इस बार व्रत पर भद्रा का साया नहीं है, जिससे पूजा-पाठ बिना किसी विघ्न के किया जा सकेगा।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा।
पूजा का कुल समय 1 घंटा 14 मिनट का होगा।
चंद्रोदय (Moonrise) का समय: आज रात 8:13 बजे चांद का उदय होगा। हालांकि, देश के विभिन्न शहरों में यह समय कुछ मिनटों का अंतर रख सकता है।
व्रत की अवधि: आज व्रत का समय सुबह 6:19 बजे से रात 8:13 बजे तक, कुल 13 घंटे 54 मिनट का रहेगा।
शुक्रवार का विशेष संयोग: इस बार करवा चौथ शुक्रवार के दिन पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। मान्यता है कि शुक्रवार को चंद्र दर्शन करने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है और नेत्र ज्योति व सौभाग्य में वृद्धि होती है।
व्रत का महत्व: करवा चौथ केवल उपवास का दिन नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और सौभाग्य का पर्व है। महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और भगवान कार्तिकेय की पूजा करती हैं और चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं।
सरगी की परंपरा: व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले सरगी खाने से होती है। इसे सास अपनी बहू के लिए तैयार करती हैं, जिसमें फल, मेवे, पराठे और मिठाइयां शामिल होती हैं, ताकि दिनभर निर्जला व्रत रखा जा सके।
आज के दिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं, मेहंदी लगाती हैं और शाम को चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस बार का करवा चौथ शुभ संयोगों से भरा है और इसे अत्यंत फलदायी माना जा रहा है।