☀️ राजस्थान में सौर ऊर्जा की लहर – 25 हजार से ज्यादा लोगों ने कराया पंजीकरण

जयपुर। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में राजस्थान सरकार की नई “150 यूनिट फ्री सोलर पावर योजना” ने आम जनता में जबरदस्त उत्साह पैदा कर दिया है। योजना में अब तक 25,000 से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण करा लिया है।

ऊर्जा विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रत्येक पात्र परिवार को 150 यूनिट तक मुफ्त सौर बिजली देगी। इसका उद्देश्य है -ग्रामीण और शहरी घरों की बिजली पर निर्भरता घटाना और हर परिवार को सौर ऊर्जा से जोड़ना।

योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पंजीकरण पोर्टल कई बार ओवरलोड हुआ। कई जिलों में पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ उठा सकें।

राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत घरेलू छतों पर सोलर पैनल लगाकर नेट-मीटरिंग के जरिए बिजली उत्पादन किया जाएगा। जरूरत से ज्यादा ऊर्जा ग्रिड में भेजी जाएगी, और उपभोक्ताओं को क्रेडिट के रूप में फायदा मिलेगा।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह योजना मुख्यमंत्री के ग्रीन राजस्थान मिशन का हिस्सा है, जिसके तहत आने वाले वर्षों में राज्य को सौर ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस गति से रजिस्ट्रेशन जारी रहा, तो यह पहल राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

🌞 राजस्थान की “150 यूनिट फ्री सोलर पावर योजना”

राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री योजना के साथ कदम मिलाते हुए अपनी “150 यूनिट फ्री सोलर पावर योजना” लॉन्च की है।
इसमें राज्य सरकार पात्र परिवारों को छत पर सोलर सिस्टम लगाने पर अतिरिक्त सहायता राशि दे रही है।
राज्य का लक्ष्य है कि आने वाले 2 वर्षों में 10 लाख से ज्यादा घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए

ऊर्जा मंत्री के अनुसार, योजना के तहत हर जिले में ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाए जा रहे हैं।
इससे ग्रामीण परिवारों, किसान आवासों और छोटे दुकानदारों को सीधे फायदा पहुंचेगा।

इस योजना के ज़रिए घरों की छतें अब “मिनी पावर हाउस” बन रही हैं।
नेट-मीटरिंग सिस्टम से अगर परिवार जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा करता है तो वह ग्रिड में भेजी जाएगी और उसका पैसा बिजली बिल से समायोजित होगा।

⚡ उपभोक्ताओं को 50,000 रुपए तक की राहत, स्मार्ट मीटर भी मुफ्त

इस योजना के तहत राज्य सरकार 1.1 किलोवाट तक की सोलर यूनिट लगवाने पर उपभोक्ताओं को ₹17,000 की सब्सिडी दे रही है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार की ओर से ₹33,000 की अतिरिक्त सहायता राशि दी जाएगी।
यानी कुल मिलाकर उपभोक्ताओं को करीब ₹50,000 तक की आर्थिक राहत मिल सकती है।

सोलर पैनल लगाने वाले हर पात्र उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे बिजली उत्पादन और खपत का सटीक रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।
इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को हर महीने 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा।

हालांकि, यह सुविधा केवल उन्हीं घरेलू उपभोक्ताओं को प्राप्त होगी जो पहले से मुख्यमंत्री नि:शुल्क बिजली योजना में पंजीकृत हैं।
सरकार का उद्देश्य है कि इन योजनाओं के माध्यम से हर घर को सौर ऊर्जा से जोड़कर “ऊर्जा आत्मनिर्भर राजस्थान” की दिशा में कदम बढ़ाया जाए।

🌍 पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ

सोलर योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से राजस्थान ग्रीन एनर्जी स्टेट की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
राज्य पहले ही भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक प्रदेश है, और अब ग्रामीण घरों को सौर शक्ति से जोड़ना इसे ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहा है।

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