जयपुर, 2 नवंबर 2025। प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM-KUSUM) के कम्पोनेंट-सी के तहत जयपुर डिस्कॉम ने शुक्रवार को एक ही दिन में पांच सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
कुल 9.28 मेगावाट क्षमता के इन विकेन्द्रित लघु सौर ऊर्जा संयंत्रों से अब संबंधित 33/11 केवी सबस्टेशन क्षेत्रों में आने वाले 1314 किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।
⚡ एक दिन में स्थापित हुए 5 सौर संयंत्र
जयपुर डिस्कॉम के अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को निम्न स्थानों पर संयंत्र स्थापित किए गए:
| स्थान | जिला | क्षमता (मेगावाट) | 
|---|---|---|
| सुनेल | झालावाड़ | 4.06 MW | 
| पीपलू | टोंक | 0.83 MW | 
| ब्रह्मबाद | भरतपुर | 2.29 MW | 
| राडावास | जयपुर (उत्तर सर्किल) | 1.25 MW | 
| देवली | टोंक | 0.85 MW | 
| कुल | — | 9.28 MW | 
🌞 237 मेगावाट की सौर क्षमता तक पहुँचा जयपुर डिस्कॉम
कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए और कम्पोनेंट-सी के तहत जयपुर डिस्कॉम अब तक 237 मेगावाट क्षमता के 121 प्लांट चालू कर चुका है।
इनसे 24,208 किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
🏜️ जोधपुर डिस्कॉम बना प्रदेश में अग्रणी
प्रदेश के तीनों डिस्कॉम – जयपुर, जोधपुर और अजमेर में अब तक कम्पोनेंट-ए और सी के तहत
कुल 2170 मेगावाट क्षमता के 1018 सौर ऊर्जा संयंत्र कार्यशील हो चुके हैं,
जो कि 1 लाख 33 हजार से अधिक किसानों को दिन में बिजली प्रदान कर रहे हैं।
| डिस्कॉम | संयंत्र संख्या | कुल क्षमता (MW) | लाभान्वित किसान | 
|---|---|---|---|
| जोधपुर डिस्कॉम | 780 | 1766 | 85,000+ | 
| जयपुर डिस्कॉम | 121 | 237 | 24,208 | 
| अजमेर डिस्कॉम | 117 | 168 | 24,000+ | 
जोधपुर डिस्कॉम में सर्वाधिक संयंत्र स्थापित होने के पीछे अनुपजाऊ भूमि की उपलब्धता मुख्य कारण मानी जा रही है।
🧭 योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लक्ष्य किसानों को पर्यावरण-संरक्षण के साथ सस्ती और दिन के समय बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्रों से न केवल कृषि सिंचाई में स्थायित्व आया है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है।
