जयपुर, 14 नवंबर। राजस्थान में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को नए आयाम देने की दिशा में गुरुवार का दिन महत्वपूर्ण रहा। जैसलमेर में मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की परामर्शदात्री संसदीय समिति की अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें ऊंट पालन, डेयरी नेटवर्क विस्तार और पशुपालकों की आय बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल, जॉर्ज कुरियन, सांसद मोहम्मद ताहेर खान, डटेला राजेन्द्र, लक्ष्मीकांत ‘पप्पू’ निषाद, राज्य के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत, सचिव नरेशपाल गंगवार, तथा आरसीडीएफ की एमडी श्रुति भारद्धाज सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
लगभग 150 प्रमुख ऊंट पालकों ने भी बैठक में भाग लेकर ऊंट नस्ल संरक्षण, ऊंट आधारित उत्पादों की मार्केटिंग, डेयरी नवाचार और राज्य में पशुधन विकास से जुड़े मुद्दों पर अपने सुझाव रखे।
⭐ “राजस्थान को मिल्क कैपिटल बनाना लक्ष्य” – जोराराम कुमावत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें पशुपालन गतिविधियों से जोड़ने पर विशेष जोर दे रही है।
उन्होंने बताया कि:
- राजस्थान में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ
- दुग्ध उत्पादों की राष्ट्रीय ब्रांडिंग,
- गोवंश के बेहतर संरक्षण,
- वेटनरी सेक्टर में प्रशिक्षण और इन्फ्रास्ट्रक्चर,
- और वर्ष 2030 तक ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी नेटवर्क विस्तार
पर राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है।
कुमावत ने केंद्रीय मंत्रालय से 2297 करोड़ रुपए की सहायता मांगते हुए बताया कि राज्य में 4850 नए पशु चिकित्सा उपकेंद्र, चिकित्सालय और बहुउद्देशीय चिकित्सालयों की जरूरत है।
इसके साथ ही कोटा और उदयपुर में कैटल फीड प्लांट स्थापित करने के लिए 142.44 करोड़ रुपये के आवंटन की भी मांग रखी गई।
उन्होंने केंद्र से 10,000 गिर नस्ल के उच्च आनुवंशिक सीमन डोजेज, लम्पी प्रो वैक्सीन, और ऊंटनी के दूध के लिए मिल्क पाउडर प्लांट स्थापित करने में सहयोग का अनुरोध किया।

⭐ “ऊंट पालन हमारी सांस्कृतिक और आर्थिक संपदा” – केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान में ऊंट पालन और डेयरी क्षेत्र के सतत विकास के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि:
- ऊंटनी के दूध का पाउडर प्लांट लगाने
- ऊंट आधारित उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन
- और राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में
पशुपालकों के जीविकोपार्जन सुधार
को लेकर राज्य से प्राप्त प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऊंट न केवल राजस्थान की पहचान हैं, बल्कि रेगिस्तानी इलाकों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की भी महत्वपूर्ण धुरी हैं।
⭐ केंद्रीय राज्य मंत्रियों ने भी संवाद किया
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन ने ऊंट पालकों से बातचीत की और कहा कि उनके सुझावों को राष्ट्रीय स्तर की नीतियों में शामिल किया जाएगा।
बैठक में डेयरी विकास पर आधारित सूचनापत्र का विमोचन भी किया गया।
