बिहार चुनाव में धनबल का असर, चुनाव आयोग मूकदर्शक: अशोक गहलोत

जयपुर, 14 नवंबर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गहलोत ने कहा कि बिहार में कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण “धनबल का खुला प्रयोग” और “चुनाव आयोग की निष्क्रियता” रहा है।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए गहलोत ने दावा किया कि बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान ही महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपये भेजे गए, जिसका सीधा असर वोटिंग पैटर्न पर पड़ा।

उनके अनुसार—
“जब चुनाव चल रहा था, तब भी पैसे बांटे जा रहे थे। यह पहली बार देखा कि मतदान से एक दिन पहले तक खातों में राशि डाली गई। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।”

✔ राजस्थान में आचार संहिता लगते ही रुके थे लाभ

गहलोत ने अपने कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा मोबाइल फोन वितरण योजना के तहत फोन बांटे जा रहे थे, लेकिन आचार संहिता लागू होते ही तुरंत वितरण रोक दिया गया था।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन तक रोक दी गई थी, लेकिन बिहार में चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी पेंशन और नकद राशि दोनों जारी रहीं।

✔ “चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा”

गहलोत ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बिहार में इन गतिविधियों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की।
उन्होंने कहा—
“जब चुनाव निष्पक्ष न हों, धन का दुरुपयोग हो और आयोग चुप रहे, तो इसे वोट चोरी ही कहा जाएगा। राहुल गांधी और विपक्ष के नेता बार-बार जिस वोट चोरी की बात कर रहे हैं, यह उसी का उदाहरण है।”

राजनीति में धनबल के बढ़ते प्रभाव पर चिंता

गहलोत ने कहा कि चुनावों में धनबल का प्रभाव चिंताजनक रूप से बढ़ गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई राज्यों में उम्मीदवारों को करोड़ों रुपये तक पहुंचाए जा रहे हैं, जबकि कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियों के पास इतना संसाधन नहीं है। उन्होंने कहा—
“लोकतंत्र पर धनबल का ऐसा दबदबा बेहद खतरनाक है। यह चुनाव प्रक्रिया को विकृत कर रहा है।”

“देश को कांग्रेस की विचारधारा की ज़रूरत है”

बीजेपी को मिली सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही तीन बार सत्ता में आ चुके हों, लेकिन देश को आज भी कांग्रेस की संवैधानिक और समावेशी विचारधारा की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियाँ ही देश के हित में हैं और आम जनता के अधिकारों की रक्षा कर सकती हैं।

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