🌏 दिवाली पर गाय के गोबर से बने दीये से जगमगाएंगे अमेरिका के घर-आंगन

जयपुर, 15 अक्टूबर। इस दिवाली प्रवासी भारतीयों के घर-आंगन गाय के गोबर से बने इको-फ्रेंडली दीयों से रोशन होंगे। टोंक रोड स्थित सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में बने करीब 20 लाख गोबर के दीयों को अमेरिका सहित छह देशों में निर्यात किया गया है।

इन दीयों को हैनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी और आईआईएएएसडी के सहयोग से महिला स्वयं सहायता समूहों ने तैयार किया है। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण, बल्कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का भी प्रतीक बन गया है।

🌿 गाय के गोबर से बने दीयों की प्रक्रिया:

सोसाइटी की अध्यक्ष मोनिका गुप्ता ने बताया –

  • 40% ताज़ा और 60% सूखे गोबर का उपयोग किया जाता है।

  • गोबर में जटा मासी, पीली सरसों, एलोवेरा, मेथी, इमली के बीज और वृक्ष की छाल मिलाई जाती है।

  • तैयार गोबर पेस्ट को हाथ से आकार देकर धूप में सुखाया जाता है।

  • रंग-बिरंगे डिज़ाइन में इन्हें सजाकर बाज़ार के लिए तैयार किया जाता है।

उन्होंने बताया कि 20 महिलाएं रोज़ाना लगभग 3000 दीये बना रही हैं। अब तक 20 लाख से अधिक दीए तैयार हो चुके हैं, लेकिन मांग लगातार बढ़ रही है।

💬 “गोबर के दीए, स्वदेशी की नई रोशनी”

भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के अध्यक्ष डॉ. अतुल गुप्ता ने कहा,

“जब त्यौहार भारतीय हैं तो कमाई विदेशी क्यों करें? अब दीपावली के दीये चीन के नहीं, भारत की मिट्टी और गाय के गोबर से जलेंगे।”

उन्होंने बताया कि ये दीए जलने पर हवन की सुगंध फैलाते हैं और उपयोग के बाद जैविक खाद या पौधों में डाले जा सकते हैं। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता।

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🪔 महिलाओं की बदलती कहानी

सनराइज पार्क से जुड़ी महिलाएं अब सिर्फ कुम्हारी नहीं, बल्कि “इको-आंत्रप्रेन्योर” बन चुकी हैं। वे दीयों के अलावा लक्ष्मी-गणेश मूर्तियाँ और सजावटी वस्तुएं भी बना रही हैं।


📈 विदेशों में बढ़ी डिमांड:

अमेरिका, यूके, कनाडा, दुबई, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया से गोबर के दीयों की बड़ी मांग आ रही है। कीमत ₹2 से ₹10 प्रति दीया है।