राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में अंगदान एवं प्रत्यारोपण की सुविधा प्रारंभ करने के होंगे प्रयास -चिकित्सा शिक्षा सचिव

जयपुर। राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों में अंगदान एवं प्रत्यारोपण की सुविधा प्रारंभ करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार उन्हें हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।

चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने कहा कि राजस्थान अंगदान एवं प्रत्यारोपण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में अंगदान एवं प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हो, ताकि इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ाते हुए अधिक से अधिक संख्या में लोगों का जीवन बचाया जा सके।

उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों से आह्वान किया कि वे इस दिशा में सक्रियता से कार्य करें।

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अंगदान जागरूकता कार्यक्रम

चिकित्सा शिक्षा सचिव सोमवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज संभागार में अंगदान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित अंगदान जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष करीब 10 हजार मौतें सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं। इनमें से 10 प्रतिशत ब्रेन डेड व्यक्तियों का अंगदान भी संभव हो सके तो अंगों की प्रतीक्षा कर रहे अनेक रोगियों को नया जीवन मिल सकता है।

उन्होंने कहा कि अंगदान एक ऐसा पुण्य कार्य है, जिससे व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद भी जीवित रहता है और यह पुण्यकर्म उसे पूरी सृष्टि से जोड़ देता है।

स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं ताकि कम से कम हो ट्रांसप्लांट की आवश्यकता

अम्बरीष कुमार ने कहा कि दुर्घटना, असंतुलित जीवन शैली और जेनेटिक कारणों से अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता बढ़ रही है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। हमारा खान—पान संतुलित हो और योग आदि से अपने शरीर को स्वस्थ रखें। इससे हम न केवल निरोग रहेंगे, बल्कि अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता भी कम से कम होगी। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों में योग क्लासेज प्रारंभ करने के भी निर्देश दिए।

अम्बरीष कुमार ने कहा कि अंगदान एवं प्रत्यारोपण आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की पराकाष्ठा है, जिसने मौत से संघर्ष कर रहे व्यक्तियों के जीवन में रोशनी पैदा की है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की बदौलत हमारी औसत आयु बढ़कर 75 वर्ष तक पहुंच गई है, जो आजादी के समय 26 से 30 वर्ष हुआ करती थी।

मा योजना में हो रहा नि:शुल्क प्रत्यारोपण

चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि राज्य सरकार अंगदान एवं प्रत्यारोपण की सुविधाओं में निरंतर विस्तार कर रही है। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। साथ ही, अंगदान को बढ़ावा देने के लिए एक पारदर्शी एवं सुगम प्रक्रिया विकसित की गई है। इसी का परिणाम है कि विगत कुछ समय में प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोपण के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। आने वाले समय में राजस्थान इस ​क्षेत्र में अव्वल राज्य बनकर उभरेगा।

राजस्थान में विगत 6 माह में ही एसएमएस में 19 कैडेवर ट्रांसप्लांट

सवाई मा​नसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने कहा कि वर्ष 2018 में सोटो की स्थापना के बाद से प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोपण के क्षेत्र में सतत प्रगति हो रही है। विगत 6 माह में ही सवाई मानसिंह अस्पताल में 19 कैडेवर ट्रांसप्लांट किए गए हैं, जो एक बड़ी उप​लब्धि है। उन्होंने कहा कि कॉर्निया ट्रांसप्लांट के मामले में यहां जीरो पेंडेंसी है।

इसी प्रकार सवाई मा​नसिंह अस्पताल का स्किन बैंक नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा स्किन बैंक है। उन्होंने कहा कि राजस्थान को मेडिकल हब बनाने के लिए अंगदान एवं प्रत्यारोपण की सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा रहा है।

उत्कृष्ट कार्यों के लिए राजस्थान को मिले दो राष्ट्रीय अवार्ड

समुचित प्राधिकारी डॉ. ​रश्मि गुप्ता ने कहा कि राजस्थान अंगदान के प्रति जागरूकता की दिशा में प्रभावी कार्य किया है। राजस्थान अंगदान की आनलाइन शपथ के मामले में देश में प्रथम है। हाल ही अंगदान के प्रति जागरूकता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए केंद्र सरकार ने राजस्थान को दो राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया है।

उन्होंने कहा कि अंगदान एवं प्रत्यारोपण में सभी संस्थान थोहा एक्ट की पूर्णत: पालना सुनिश्चित करें।

सोटो के संयुक्त निदेशक डॉ.मृणाल जोशी ने कहा कि अंगदान जीवन का सबसे अनमोल उपहार है। सोटो अंगदान को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने सोटो द्वारा अंगदान एवं प्रत्यारोपण के क्षेत्र में की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।

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अंगदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य पर किया सम्मानित

इस अवसर पर अंगदान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे अस्पतालों, संस्थाओं, चिकित्सकों, एनजीओ, ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर्स, ब्रेन स्टेम डेथ टीम्स एवं दिवंगत अंगदाताओं के परिजनों को सम्मानित किया गया।

सम्मान प्राप्त करने वालों में एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर एवं एम्स जोधपुर जैसे संस्थानों से जुड़े चिकित्सक एवं कोऑर्डिनेटर्स, विभिन्न जिलों से अंगदाता परिवार, ट्रांसप्लांट सर्जरी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सक, सर्वश्रेष्ठ ब्रेन स्टेम डेथ टीमें, उल्लेखनीय एनजीओ (जैसे एमएफजेसीएफ जयपुर, शाइन इंडिया फाउंडेशन कोटा),अंगदान जागरूकता अभियानों में योगदान देने वाली संस्थाएं तथा विश्व अंग प्रत्यारोपण खेलों में भाग लेने वाले अंग प्राप्तकर्ता भी शामिल थे।

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सोटो द्वारा अंगदान की शपथ में सर्वाधिक भागीदारी देने वाले जिलों को भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया, जिसमें प्रथम स्थान हनुमानगढ़, द्वितीय चूरू तथा तृतीय स्थान झुंझुनूं जिला रहा। इन जिलों के प्रयासों को जन-जागरूकता के क्षेत्र में अनुकरणीय मानते हुए विशेष प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।