बीकानेर। भारतीय वायुसेना के (Fighter Plane) लड़ाकू विमान मिग -21 (MIG -21) ने राजस्थान के नाल के वायुसेना हवाई अड्डे से अपनी आखिरी उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी.सिंह ने मिग-21 में नाल एयरबेस से एकल उड़ान भरी। मिग-21 वायुसेना का प्रमुख फाइटर माना जाता है, लंबे समय से इसे रिटायर करने की चर्चा चल रही थी। एयर चीफ मार्शल ने 18-19 अगस्त 2025 को नाल से मिग-21 में उड़ान भरी थी।

मिग -21 की आखिरी उड़ान
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी.सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-21 ने 1960 में आया और अपनी ताकत और शौर्य का परचम लहराया। इसके 11 हजार से अधिक फाइटर विमान 60 से अधिक देशों में इस्तेमाल किए जा चुकें है। यह सुपरसोनिक फाइटर विमानों में से मिग-21 सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। मिग-21 के साथ पहला अनुभव 1985 का है, जब मैने तेजपुर में इसका टाइप-77 संस्करण उड़ाया। यह फुर्तीला, अत्यधिक गतिशील और डिजाइन में सरल था, पर इसके लिए शुरुआती प्रशिक्षण की जरुरत थी।

राफेल, तेजस और सुखोई के साथ आगे बढ़े
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि मिग- 21 को इंटरसेप्ट के रुप में बनाया गया। देश की उल्लेखनीय सेवा की और हर चीज का समय और स्थान तय होता है। अब तकनीक पुरानी हो चुकी है और इसका रखरखाव मुश्किल है। इसलिए अब वर्तमान समय में राफेल, तेजस और सुखोई-30 के साथ आगे बढ़ा जाए।

मिग -21 की चंडीगढ़ में होगी विदाई
भारतीय वायुसेना का प्रमुख फाइटर विमान मिग -21 को चंडीगढ़ में औपचारिक सेवानिवृति समारोह के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। इन विमानों को 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में आयोजित औपचारिक सेवानिवृत्ति समारोह में अंतिम विदाई दी जाएगी।

वायुसेना के लड़ाकू विमान मिग-21 से एयर चीफ मार्शल ने बीकानेर के नाल वायुसेना स्टेशन पर उड़ान भरने से पहले ग्राउंड स्टाफ से मिलते हुए।
मिग-21 की रही महत्वपूर्ण भूमिका
एयरफोर्स के प्रवक्ता विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि मिग-21 को सेना में अपने योगदान के लिए याद किया जाता रहेगा। मिग-21 ने 1965 के युद्व में भाग लिया और 1971 की लड़ाई में भी अहम् रोल निभाया। इसमें खासतौर पर 14 दिसंबर को ढाका में राज्यपाल के आवास पर हुए हमले में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके बाद वहां पर राज्यपाल ने अगले दिन इस्तीफा दे दिया था और 16 दिसंबर को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया। जिसके बाद उसके 93 हजार सैनिकों ने हथियार डाल दिए।

उन्होने बताया कि 199 में ऑपरेशन सफेद सागर के तहत कारगिल में मिग-21 ने अपनी ताकत दिखाई जब भारतीय इलाके में घुसपैठ कर रहे एक पाकिस्तानी अटलांटिक विमान को मार गिराया। वहीं 2019 में जब एफ 16 को मार गिराया तब भी मिग-21 फिर सुर्खियों में आया। मिग-21 को समय के साथ आधुनिक हथियारों व राडार और मिसाइलों से लैस किया गया। जिसका अभी का बाइसन संस्करण है जिसे विदाई दी जाएगी।