गोबर एवं गोमूत्र को भी आर्थिक उन्नति का आधार बनाएं : संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन

बीकानेर। किसान सम्मेलन में मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने कहा कि गाय के दुग्ध के साथ-साथ गोबर एवं गोमूत्र को भी आर्थिक उन्नति का आधार बनाएं। गोबर एवं गौमूत्र को अपशिष्ट ना समझकर इसको प्रसस्ंकरण के माध्यम से खाद एवं कीटनाशक हेतु उपयोग में लाएं।

वे राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं राजस्थान गौ सेवा परिषद्, बीकानेर के बीच हुए एम.ओ.यू. के तहत गौमूत्र से कीटनाशक बनाने एवं इसके विपणन सम्बन्धी सम्भावनाओं के मद्देनजर बुधवार को एक दिवसीय किसान सम्मेलन को रविन्द्र रंगमंच में में संबोधित कर रहे थे।

यह भी पढ़ें : Personal Loan : जल्दी करें 5 मिनट में ये बैंक दे रहा 10 लाख रुपये का पर्सनल लोन

 Divisional Commissioner, Neeraj K. Pawan, dung, economic, cow urine, Kisan Sammelan, Organics Farming, Best Organics Product, Bikaner Today News
Make dung and cow urine the basis of economic for progress : Divisional Commissioner Neeraj K. Pawan

जिले में किसान-पशुपालको को गोबर और गौमूत्र का प्रसंस्करण कार्य का प्रशिक्षण दिया गया है। अब इन प्रशिक्षार्णियों को क्रांति दूत बनकर गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण क्रांति की चेतना को घर-घर पहुंचाना है तभी इस सम्मेलन के उद्धेश्य की पूर्ति हो सकेगी। इस परियोजना के माध्यम से ना केवल गायो को निराश्रित छोड़ने की समस्या का समाधान होगा वरन् पशुपालको को गोबर-गोमूत्र से आर्थिक लाभ मिलेगा।

यह भी पढ़ें : ज्योतिष के ये उपाय दिलाते है प्रतियोगी परीक्षा और नौकरी में सफलता

 Divisional Commissioner, Neeraj K. Pawan, dung, economic, cow urine, Kisan Sammelan, Organics Farming, Best Organics Product, Bikaner Today News
Make dung and cow urine the basis of economic for progress : Divisional Commissioner Neeraj K. Pawan

संभागीय आयुक्त ने सम्मेलन में उपस्थित सभी किसानों और पशुपालकों को गोबर व गौमूत्र प्रसंस्करण को आगे बढाने की शपथ दिलाई।

वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि राजस्थान के देशी गोवंश की उत्पादन क्षमता बहुत अच्छी है। हमें पशुधन की उत्पादन क्षमता को देखते हुए इनके संरक्षण एवं संवर्द्धन के समुचित प्रयास जारी रखने होंगे। वर्तमान समय में किसानों में खाद की मांग बहुत बढ़ी है हमें रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए इससे ना केवल गौवंश के उत्पादों का समुचित उपयोग होगा अपितु आम जन को भी रासायनिक दुष्प्रभावों से बचाया जा सकेगा।

प्रो. ए.के. गहलोत, राष्ट्रीय समन्वयक, राजस्थान गौ सेवा परिषद् एवं पूर्व कुलपति, राजुवास ने बताया कि पशुपालकों के अथक प्रयासों से राजस्थान दुग्ध उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। यदि पशुपालक गोबर-गोमूत्र का उपयोग जैविक खेती हेतु करे तो पशुधन का राज्य के साथ-साथ देश की जी.डी.पी. में योगदान ओर बढ़ेगा।

उन्होंने बताया कि देश में 13 राज्यों में राजस्थान गौसेवा परिषद् द्वारा गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण कार्य योजना को मूर्त रूप दिये जाने का कार्य किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें – Best Loan Apps : आसान लोन लेने के लिए ये हैं बेस्ट ऐप्समिलेगा 5 से 10 लाख रुपये का लोन

विशिष्ट अतिथि स्वामी संवित् विमर्शानन्द गिरी जी अधिष्ठाता शिवमठ, शिवबाडी, बीकानेर ने मनुष्य के जीवन में गौवंश के महत्व और उपादेयता पर अपने उद्बोधन में कहा कि गाय एक लघु जैव मण्डल है। जिसकी पूर्ण उपयोगिता को समझना सभी के लिए बहुत जरूरी हैं। गाय का गोबर एवं गोमूत्र मनुष्य के लिए वरदान स्वरूप है अतः इसके प्रसंस्करण को बढ़ावा देना चाहिए।

उन्होंने इस हेतु राजस्थान गौ-सेवा परिषद् द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की। इससे पूर्व किसान सम्मेलन के तकनीकी सत्र का आयोजन डॉ. लाल सिंह, अतिरिक्त निदेशक गोपालन विभाग, जयपुर के साथ-साथ सीताराम सोलंकी (राष्ट्रीय समन्वयक गोसेवा परिषद्, इन्दौर), डॉ. विरेन्द्र नेत्रा (संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग),  डॉ. सुभाष चन्द (निदेशक प्रसार शिक्षा, एस.के.आर.ए.यू.), नोपाराम जाखड़ (अध्यक्ष उरमूल डेयरी),  कैलाश चौधरी (सयुक्त निदेशक कृषि), गजेन्द्र सिंह सांखला, रिद्धकरण सेठिया, गजानन्द अग्रवाल, मुकेश गहलोत,, नीलम गोयल,, ने सम्बोधित किया।

हेम शर्मा, अध्यक्ष राजस्थान गौसेवा परिषद् ने कहा कि गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण योजना को एक नई क्रांति के रूप में शुरू किया गया है। इसको जिसके प्रशासन और वेटरनरी विश्वविद्यालय के सहयोग से बीकानेर जिले को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

उन्होंने गौसेवा परिषद् की कार्य योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

 Divisional Commissioner, Neeraj K. Pawan, dung, economic, cow urine, Kisan Sammelan, Organics Farming, Best Organics Product, Bikaner Today News
Make dung and cow urine the basis of economic for progress : Divisional Commissioner Neeraj K. Pawan

इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालक विषय विशेषज्ञों के साथ किसानों का संवाद सत्र का आयोजन किया गया। उनकी समस्याओं एवं आशंकाओं का समाधान किया गया। अतिथियों द्वारा “पशुपालक नये आयाम” पुस्तिका एवं “जैविक खेती एवं पशुपालन में केंचुआ खाद का महत्व” विषय पर प्रकाशित फोल्डर का विमोचन किया गया।

किसान सम्मेलन के दौरान वेटरनरी विश्वविद्यालय के साथ-साथ कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, सी.एस.डब्लू,आर.आई., एन.आर.सी.सी., एस.के.आर.ए.यू., लोटस डेयरी, राजस्थान ग्रामीण बैंक, खाद बीज विपणन आदि संस्थाओं ने प्रदर्शनी का आयोजन किया।

 Divisional Commissioner, Neeraj K. Pawan, dung, economic, cow urine, Kisan Sammelan, Organics Farming, Best Organics Product, Bikaner Today News
Make dung and cow urine the basis of economic for progress : Divisional Commissioner Neeraj K. Pawan

सम्मेलन के नोड़ल अधिकारी प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक प्रसार शिक्षा, राजुवास ने इस सम्मेलन के आयोजन का समन्वय किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया। सम्मेलन के दौरान पूर्व महापौर नारायण चौपड़ा, मेघराज सेठिया, डॉ. तपेश माथुर, अरविन्द मिड्ढा सहित किसान-पशुपालक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Tags : Divisional Commissioner, Neeraj K. Pawan, Kisan Sammelan,