भ्रण के लिंग जांच व कन्या भ्रूण हत्यारों के बड़े गिरोह का भांडा फोड़

बीकानेर। मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन की योजनानुसार राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ ने रींगस के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में डिकॉय कार्यवाही करते हुए गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिंग की जांच व कन्या भ्रूण हत्या में लिप्त बड़े गिरोह का भांडा फोड़ 7 जनों को गिरफ्तार किया है वंही इस मामले में 2 और गिरफ्तारियों की संभावना है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि बीकानेर पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण की मुखबिरी पर राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ के एडिशनल एस.पी. रघुवीर सिंह के नेतृत्व में 3 दल बनाए गए। डेकोय ऑपरेशन के लिए एक गर्भवती को सहायक पूजा कुमावत के साथ उदयपुरवाटी, झुंझुनू के छापोली गाँव से दलाल के साथ रींगस के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र भेजा गया।

इन पर बीकानेर पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण के दल की नजर थी। इसी प्रकार सीकर के लोसल व पलसाना से भी एक-एक गर्भवती के भ्रूण लिंग जांच हेतु वहां के लिए रवाना होने की खबर पर प्रकोष्ठ के 2 दल उनके पीछे लग गए। लोसल के दल में झुंझुनू पीसीपीएनडीटी समन्वयक नंदलाल पूनियां व पलसाना के दल में उपनिरीक्षक विक्रम शामिल रहे। दलाल तीनों गर्भवतियों को लेकर रींगस के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र पहुंचे जहां दलाल तथाकथित डॉक्टर रुबीना द्वारा उन्हें ऑटो रिक्शा में बैठाकर रोड़ न. 14 स्थित संजीवनी क्लिनिक ले जाया गया। वहां डॉ. सुनील द्वारा उनकी सोनोग्राफी कर तीनों के गर्भ में लड़की होना बताया गया और गर्भपात हेतु लोसल के झोलाछाप डॉक्टर मंगल सिंह के पास जाने की सलाह दी गई। सहायक पूजा कुमावत के इशारा करने पर ए.एस.पी. रघुवीर सिंह व चौमू एसएचओ के.पी.सिंह के नेतृत्व में प्रकोष्ठ के दल ने उन्हें दबोच लिया और अपंजीकृत सोनोग्राफी मशीन को भी जब्त कर लिया।

ये 7 हुए हैं गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्तों में डॉ. सुनील, डॉ. रोहिताश, डॉ. रुबीना, मंगल सिंह, सतीश शर्मा, नागरमल व नरसिंह शामिल हैं। इनमे से डॉ. सुनील व डॉ. रुबीना पर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत चौमू थाने में पहले से मुकदमा दर्ज है और ये जमानत में चल रहे थे। लोसल व पलसाना की गर्भवतियों से भी प्रकोष्ठ द्वारा पूछताछ की जा रही है दोषी पाए जाने पर उन्हें या उनके रिश्तेदारों की गिरफ्तारी भी संभव है।

2-3 दिनों से हो रही थी रेकी

बीकानेर पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण द्वारा उक्त दलालों की 2-3 दिन से रेकी की जा रही थी तथा राज्य प्रकोष्ठ द्वारा फोन भी सर्विलेंस पर ले रखे थे।

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