जोराराम कुमावत ने तरल नत्रजन परिवहन वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
जयपुर। पशुपालन, गोपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने सोमवार को राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के तत्वावधान में 15 तरल नत्रजन परिवहन वाहनों की विधिवत पूजा कर उन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तरल नत्रजन पशु नस्ल सुधार के लिए किए जाने वाले कृत्रिम गर्भाधान में काम आता है।
इस अवसर पर पशुपालन मंत्री ने कहा कि तरल नत्रजन के वितरण की व्यवस्था को सुगम और सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से भारत सरकार की शत प्रतिशत वित्त पोषित राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत 15 जिलों को नत्रजन परिवहन वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इन वाहनों में पहली बार जारों को उठाने और रखने के लिए पूली व्यवस्था करवाई गई है जिससे विभागीय कर्मचारियों को अधिक वजन उठाने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। साथ ही जार के खराब होने की संभावना भी कम रहेगी।
उन्होंने बताया कि तरल नत्रजन के भण्डारण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए जाने के लिए वाहन आपूर्ति के अतिरिक्त आवश्यकतानुसार राज्य के 13 जिलों में 3000 लीटर क्षमता के नवीन साइलों की भी स्थापना की कार्यवाही की जा रही है।
![Animal Husbandry, Joraram Kumavat, Innovation, animal,](https://www.hellorajasthan.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-24-at-12.01.56-PM-1024x768.jpeg)
श्री कुमावत ने कहा कि पशुओं एवं पशुपालकों के कल्याण के प्रति सरकार की समर्पित सोच और नीतियों के कारण आज पशुपालन रोजगार का एक जरिया बनकर उभर रहा है। राज्य में लाखों लोगों को कृषि एवं पशुपालन से राजगार प्राप्त हो रहा है।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार गौवंश की सेवा के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि आने वाले बजट सत्र में पशुओं और पशुपालकों के कल्याण के लिए नई और अभिनव योजनाओं को स्वीकृित दिलाने का प्रयास किया जाएगा जिसके लिए ग्रामीण स्तर पर पशुपालकों, अधिकारियों और अन्य लाभार्थियों से निरंतर संवाद किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 15 जिलों को पूर्व में उपलब्ध करवाए गए तरल नत्रजन परिवहन वाहनों की 15 वर्ष की अवधि पूरी हो गई थी इसीलिए इन 15 जिलों भीलवाड़ा, नागौर, कोटा, कुचामन सिटी, चित्तौड़गढ़, सवाईमाधोपुर, बूंदी, झालावाड़, पाली, जालौर, सिरोही, चुरु, जयपुर, दौसा और झुंझुनू को नए वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वाहनों का क्रय भारत सरकार की 100 प्रतिशत वित्त पोषित योजना के तहत स्वीकृत राशि से किया गया है।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ पी सी भाटी, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ सुरेशचंद मीना सहित विभाग के अधिकारी और कर्मचारीगण मौजूद थे।
Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter: Follow @hellorajasthan1