गीता धर्म, पंथ, वर्ग, देश और काल की सीमा से परे : – कला एवं संस्कृति मन्त्री
जयपुर । श्रीमद्भगवद्गीता में अर्जुन को माध्यम बनाकर ईश्वर ने दुनिया को सन्देश दिया हैं । यही कारण है कि गीता धर्म, पंथ, वर्ग, देश और काल की सीमा से परे है और वैश्विक ग्रन्थ के रूप में मान्य एवं अनुकरणीय है। गीता ज्ञाश्, भक्ति एवं कर्म की त्रिवेणी है, जो अनन्त काल से मानव … Read more