स्वरोजगार से स्वावलंबन माटी कला बोर्ड का ध्येय : प्रहलाद राय टाक

राजस्थान : 16 जिलों के 320 कामगारों का हुआ लाटरी से चयन

जयपुर । पारंपरिक दस्तकारों को आधुनिक तकनीक युक्त आधारभूत सुविधायें उपलब्ध करवाकर उनके उत्थान हेतु विभिन्न तरह की योजनाओं को क्रियान्वित करना ही श्री यादे माटी कला बोर्ड का एकमात्र उदेश्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के माटी कामगारों के स्वरोजगार से स्वावलंबन के मिशन को पूरा करने में माटी कला बोर्ड युद्धस्तर पर कार्य कर रह है। यही वजह है कि राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2024-25 में 1000 मिट्टी गूथने की मशीनों व विधुत चालित चाक के वितरण का कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है।

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Rajasthan 320 workers from 16 districts selected through lottery

यह बात श्री यादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रहलाद राय टाक ने शुक्रवार को उधोग भवन के सभागार में 16 जिलों के मिट्टी गूथने की मशीनों व विधुत चालित चाक आवंटन के लिए लॉटरी के जरिए आवंटन के पश्चात कही।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रहलाद राय टाक ने कहा कि बजट घोषणा के प्रथम चरण में कुल 25 जिलों के 500 चयनित मिटटी कामगारों को मिट्टी गूथने की मशीनों व विधुत चालित चाक का वितरण किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले से 20 लोगों का चयन किया गया है।

इनमें से 9 जिलों की लॉटरी निकाली जा चुकी है। शेष 16 जिलों की लॉटरी शुक्रवार को निकाली गई है। अब चयनित मिटटी कामगारों को जिला स्तर पर 10 दिन का आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्य 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रशिक्षर्णियों को राज्यस्तरीय समारोह में मिट्टी गूथने की मशीनों व विधुत चालित चाक का वितरण किया जाएगा।

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माटी शिल्पकारों को प्रदान करेंगे अंतरराष्ट्रीय मंच

श्री यादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रहलाद राय टाक ने कहा कि राजस्थान में आदरणीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में मिटटी कामगारों को स्वाबलंबी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश में माटी शिल्पकारों को पारंपरिक कला को प्रश्रय देने के साथ ही व्यापारिक दृष्टिकोण से कौशल विकास तथा गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विषयों पर श्री यादे माटी कला बोर्ड महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

इसी के तहत बोर्ड जल्द ही माटी शिल्पकारों को राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा। इसके तहत जिला व राज्य स्तर पर माटी शिल्पकारों के हुनर को पहचानने के लिए प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। इनमें चयनित जिला व राज्य स्तरीय प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। यही, नहीं श्रेष्ठ प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने के लिए भी बोर्ड द्धारा प्रोत्साहित किया जाएगा।