Surya Gochar 2024 : सूर्य का मकर राशि में प्रवेश, जानिए क्या होगा आपकी राशि पर असर 

मकर राशि का सूर्य कैसा रहेगा आपके लिए

– सूर्य धनु से मकर राशि में (15 जनवरी से 13 फरवरी)

– मकर राशि में बनेगा सूर्य

-मंगल-बुध एवं शुक्र से चतुग्र्ही योग

– विश्वपटल पर दिखेंगी अनेकानेक अप्रत्याशित घटनाएँ

– मेष, सिंह, वृश्चिक एवं मीन राशि वालों को होगा विशेष लाभ

-ज्योतिषविद् विमल जैन

नवग्रहों में सूर्यग्रह की मान्यता सर्वोपरि है। सूर्यग्रह के राशि परिवर्तन का प्रभाव व्यापक रूप से देखने को मिलता है। ज्योतिष की गणना के अनुसार मेष राशि से मीन राशि तक सूर्यग्रह प्रत्येक मास अपनी राशि बदलते हैं। जिसका असर पूरे विश्वपटल पर पड़ता है।

प्रख्यात ज्योर्तिवद् विमल जैन ने बताया कि सूर्यग्रह धनु से मकर राशि में 14 जनवरी, रविवार को अद्र्धरात्रि के पश्चात् 2 बजकर 43 मिनट से 13 फरवरी, मंगलवार को दिन में 3 बजकर 44 मिनट तक रहेंगे। इस बार शुभयोग का अनुपम संयोग बन रहा है। रेवती नक्षत्र 14 जनवरी, रविवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। तत्पश्चात अश्विन नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा। एक माह की अवधि मकर संक्रान्ति के नाम से जानी जाएगी।

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ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि संक्रान्ति के दिन सूर्य, मंगल, बुध-धनु राशि में, चन्द्रमा, शनि-कुम्भ राशि में, गुरु-मेष राशि में, शुक्र-वृश्चिक राशि में, राहु-मीन राशि में, केतु-कन्या राशि में विराजमान रहेंगे। मकर राशि में सूर्य-मंगल-बुध एवं शुक्र ग्रह से चतुग्र्ही योग बनेगा। जिसके फलस्वरूप विश्व पटल पर अनेकानेक अप्रत्याशित घटनाओं से जनमानस को रूबरू होना पड़ेगा।

विश्व के कई देशों में राजनैतिक उथल-पुथल रहेगी जिससे भारत भी अछूता नहीं रहेगा। इसके साथ ही राजनैतिक हलचल बढ़ेगी। सत्तापक्ष व विपक्ष में किसी मुद्दे विशेष को लेकर वैचारिक विषमता देखने को मिलेगी। देश-विदेश में सत्ता-परिवर्तन का भी योग रहेगा। कहीं-कहीं पर राजनैतिक अस्थिरता बनी रहेगी। व्यक्ति विशेष की सेवा से वंचित होना पड़ेगा। धाॢमक गतिविधियों को लेकर भी लोग जागरूक रहेंगे।

मौसम में अजीबो-गरीब परिवर्तन जैसे-आँधी-तूफान, वर्षा की अधिकता के साथ ही शीतलहर के प्रकोप को नकारा नहीं जा सकता। सीमा पर आतंकवादियों की गतिविधियाँ देखने को मिलेगी। क्रिप्टो करेंसी (मुद्रा बाजार), शेयर, वायदा व धातु बाजार में विशेष घटा-बढ़ी के साथ अचानक भयंकर उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। नए राजनैतिक समीकरण व आॢथक घोटाले भी सामने आएंगे।
 ज्योर्तिवद विमल जैन ने बताया कि ग्रहों की चाल का प्रभाव द्वादश राशियों पर भी दिखेगा।
मेष-नवीन योजना का श्रीगणेश। ज्ञान-विज्ञान में अभिरुचि। बुद्धि चातुर्य से विवाद का समापन। विविध पक्षों में सफलता।
वृषभ-स्वास्थ्य में व्यतिक्रम। विश्वासघात की आशंका। सुख-साधन का अभाव। वाहन से कष्ट। विचारों में उग्रता। आर्थिक हानि।
मिथुन-समय आशा के विपरीत। अभिलाषा की पूर्ति में व्यवधान। मित्रों से अनबन। लेन-देन में जोखिम। अनावश्यक भ्रमण।
कर्क-व्यावसायिक पक्ष से चिन्ता। कार्य क्षमता में प्रतिकूलता। पारिवारिक मतभेद। नेत्र विकार। दाम्पत्य जीवन में असंतोष।
सिंह-कार्यसिद्धि हेतु प्रयत्नशील। कठिनाइयों में कमी। परिवार में मंगल आयोजन सम्पन्न। जनकल्याण की भावना जागृत।
कन्या-धनागम में बाधा। व्यय की अधिकता। विश्वासघात की आशंका। वाहन से कष्ट। चोट-चपेट की संभावना। आर्थिक हानि।
तुला-आरोग्य सुख में कमी। व्यय की अधिकता। धनागम का अभाव। आर्थिक कठिनाइयाँ प्रभावी। वाद-विवाद संभव।
वृश्चिक-स्वास्थ्य में सुधार। परिस्थितियाँ अनुकूल। आकस्मिक लाभ। नौकरी में पदोन्नति। कर्ज की निवृत्ति। यात्रा से लाभ।
धनु-समय आशा के विपरीत। अभिलाषा की पूर्ति में व्यवधान। नेत्र विकार। मित्रों से अनबन। जोखिम से हानि। अनावश्यक भ्रमण।
मकर-धनागम में बाधा। विश्वासघात की आशंका। सुख-साधन का अभाव। वाहन से कष्ट। विचारों में उग्रता। कुम्भ-दिनचर्या अव्यवस्थित। आपसी तालमेल का अभाव। व्यय की अधिकता। आरोग्य सुख में व्यवधान। यात्रा असफल।
मीन-लाभ का मार्ग प्रशस्त। सफलता का सुअवसर। बुद्धि विवेक से तनाव में कमी। नव समाचार से प्रसन्नता। राजकीय लाभ।
विशेष-कर्क, वृश्चिक राशि वालों को शनिग्रह की अढ़ैया तथा मकर, कुम्भ एवं मीन राशि वालों को शनिग्रह की साढ़ेसाती चल रही है। इन राशि वालों को विशेष सतर्कता बरतते हुए शनिग्रह का उपाय भी करते रहना चाहिए।

सूर्यग्रह की पूजा का विधान

सूर्यग्रह की प्रसन्नता के लिए अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा-अर्चना के साथ सूर्यग्रह की भी आराधना नियमित करनी चाहिए। प्रात:काल स्नान, ध्यान के पश्चात् सूर्य भगवान को ताम्रपात्र में स्वच्छ जल में लाल फूल, रोली, गुड़ या चीनी मिलाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके अघ्र्य अर्पित करना चाहिए। साथ ही सूर्यग्रह का मन्त्र ‘ॐ आदित्याय नम:’, ‘ॐ सूर्याय नम:’, ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ का जप, श्रीआदित्यहृदय स्तोत्र, श्रीआदित्यकवच, श्रीसूर्यसहस्रनाम तथा सूर्य चालीसा आदि का पाठ भी करना लाभकारी रहेगा।

रविवार के दिन काला, नीला व हरे रंग का वस्त्र प्रयोग में नहीं लेना चाहिए। रविवार के दिन 12 बजे से 3 बजे के मध्य बिना नमक का फलाहार करना चाहिए। रविवार के दिन संकल्प के साथ व्रत या उपवास रखकर मध्याह्न के समय सूर्यग्रह से सम्बन्धित लाल रंग की वस्तुएँ जैसे—लाल वस्त्र, गेहूँ, गुड़, ताँबा, लाल फूल, चन्दन आदि वस्तुएँ नगद दक्षिणा सहित सुयोग्य ब्राह्मण को देनी चाहिए।

(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी)
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