📍 जयपुर / बारां, 17 अक्टूबर।
राजस्थान की चर्चित अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव 2025 के लिए राजनीतिक समीकरण अब पूरी तरह स्पष्ट हो गए हैं।
भाजपा ने मोरपाल सुमन को अपना प्रत्याशी घोषित किया है, वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है। इधर, नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है। ऐसे में अंता में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है।
🗓️ 11 नवंबर को होगा मतदान
राज्य निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि अंता विधानसभा उपचुनाव का मतदान 11 नवंबर 2025 को कराया जाएगा।
इसको लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं, जबकि प्रमुख दलों ने प्रचार रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
👤 कौन हैं भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन
मोरपाल सुमन वर्तमान में बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं।
उन्होंने दिसंबर 2021 में हुए पंचायत राज चुनाव में जीत दर्ज की थी और जनवरी 2022 में पद संभाला।
उनकी पत्नी नटी बाई सुमन भी अपने क्षेत्र की सरपंच हैं।
मोरपाल सुमन माली समाज से आते हैं, जिसकी अंता क्षेत्र में महत्वपूर्ण जनसंख्या और राजनीतिक प्रभाव है।
भाजपा ने उनकी स्थानीय लोकप्रियता, साफ छवि और संगठन से जुड़ाव को देखते हुए उन्हें प्रत्याशी बनाया है।
🌿 वसुंधरा राजे के करीबी
राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि मोरपाल सुमन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं में शामिल हैं।
राजे गुट की सिफारिश पर ही उनका नाम भाजपा हाईकमान ने फाइनल किया।
अंता क्षेत्र में सैनी समाज और माली समुदाय दोनों का संयुक्त प्रभाव है, जिससे सुमन को सामाजिक समीकरणों का लाभ मिलने की संभावना है।
🧾 अंता विधानसभा का वोटर प्रोफाइल
अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,27,563 मतदाता हैं।
इनमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिला और 4 अन्य वोटर शामिल हैं।
हाल ही में हुए मतदाता सूची पुनरीक्षण में 1,336 नए वोटर जोड़े गए हैं।
अंतिम वोटर सूची 1 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित की गई थी।
⚖️ कांग्रेस बनाम भाजपा बनाम निर्दलीय
कांग्रेस ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया पर भरोसा जताया है, जो पिछले चुनावों में इस सीट से मजबूत उपस्थिति रखते हैं।
वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ और युवाओं के बीच लोकप्रियता के कारण मुकाबले को रोचक बना रहे हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक, इस बार अंता में जातीय समीकरणों और स्थानीय नेतृत्व की पकड़ ही निर्णायक भूमिका निभाएगी।
🗳️ राजनीतिक विश्लेषण
अंता सीट पूर्वी राजस्थान की राजनीति में हमेशा से हाई-प्रोफाइल क्षेत्र रही है।
यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला हर बार करीबी रहता है, जबकि तीसरे उम्मीदवार कई बार परिणाम को प्रभावित करते हैं।
इस बार का उपचुनाव राज्य के आगामी राजनीतिक समीकरणों का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
