बीकानेर में औद्योगिक खनिज और सिरेमिक सम्मेलन: विशेषज्ञ करेंगे निवेश संभावनाओं पर मंथन

बीकानेर, 7 नवंबर। बीकानेर में शनिवार से ‘औद्योगिक खनिज और सिरेमिकः डाउनस्ट्रीम उद्योग और निवेश के अवसर’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू होगा, जिसमें देशभर के विशेषज्ञ सिरेमिक उद्योग और मूल्य संवर्धन की संभावनाओं पर मंथन करेंगे।

इस सम्मेलन का आयोजन माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MEAI) के जोधपुर चैप्टर और बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन द्वारा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
कार्यक्रम का आयोजन 8 और 9 नवंबर को जयपुर-जोधपुर बाईपास स्थित रिद्धि सिद्धि रिसोर्ट में होगा।

बीकानेर के खनिज भंडार, लेकिन औद्योगिक लाभ सीमित

MEAI जोधपुर चैप्टर अध्यक्ष दीपक तंवर ने प्रेस वार्ता में बताया कि बीकानेर संभाग में देश का 90 प्रतिशत जिप्सम और 70 प्रतिशत वॉल क्ले उत्पादन होता है।

उन्होंने कहा कि “खनिज संपदा होने के बावजूद बीकानेर को इसका औद्योगिक लाभ नहीं मिल पा रहा है। गुजरात का मोरबी सिरेमिक हब बीकानेर के कच्चे माल पर निर्भर है, जबकि मूल्य संवर्धन तकनीक का उपयोग यहां सीमित है।”

तंवर ने बताया कि सम्मेलन में देशभर के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे और बीकानेर को मोरबी की तर्ज पर सिरेमिक हब बनाने की दिशा में रोडमैप तैयार किया जाएगा।
इससे जुड़े सभी प्रस्तावों को घोषणा पत्र के रूप में राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

सिरेमिक हब से प्रदेश की जीडीपी को बढ़ावा

बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन के चेयरमैन राजेश चूरा ने बताया कि बीकानेर के सिरेमिक हब बनने पर राजस्थान की जीडीपी में बड़ा योगदान रहेगा।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन में मेक इन बीकानेर-सिरेमिक क्लस्टर में निवेश, मूल्य संवर्धन, सस्टेनेबल माइनिंग और ग्रीन फैक्ट्री, नीति और अनुसंधान जैसे विषयों पर तकनीकी सत्र होंगे।

“बीकानेर में सिरेमिक उद्योग विकसित होने से सोलर इंडस्ट्री को भी बड़ा लाभ मिलेगा और उपभोक्ताओं को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल सकेगी,” चूरा ने जोड़ा।

गैस पाइपलाइन और पानी की आवश्यकता पर चर्चा

सिरेमिक इंजीनियर कुंज बिहारी गुप्ता ने कहा कि सिरेमिक उद्योग के लिए गैस पाइपलाइन और पर्याप्त जल आपूर्ति अत्यावश्यक है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की ये मांगें लंबे समय से लंबित हैं, जिन पर सरकार को शीघ्र निर्णय लेना चाहिए।

“सेमिनार में उद्यमियों की व्यावहारिक समस्याओं और समाधान के लिए ठोस सुझाव पेश किए जाएंगे,” उन्होंने बताया।

तकनीकी विश्वविद्यालय देगा औद्योगिक सहयोग

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. सजीव कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय ने खनिज गुणवत्ता जांच के लिए आधुनिक प्रयोगशाला (लैब) तैयार कर ली है।
अब स्थानीय उद्यमियों को नमूना जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय बीकानेर को सिरेमिक हब बनाने की दिशा में सतत प्रयास कर रहा है।

उपस्थित विशेषज्ञ

सम्मेलन में वरिष्ठ वैज्ञानिक ए.के. गुप्ता, एमईआईए सचिव राकेश पुरोहित, खनि अभियंता एम.पी. पुरोहित, राकेश आचार्य और कई उद्योग विशेषज्ञ मौजूद रहे।

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