देशभर के विशेषज्ञों ने सेरेमिक उद्योग के भविष्य पर किया मंथन
बीकानेर, 9 नवम्बर। माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (एमईआईए) के जोधपुर चैप्टर तथा बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन द्वारा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘औद्योगिक खनिज और सेरेमिक: डाउनस्ट्रीम उद्योग एवं निवेश के अवसर’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शनिवार को जयपुर-जोधपुर बाईपास स्थित रिद्धि सिद्धि रिसोर्ट में प्रारंभ हुआ।
🔹 सेमिनार में विशेषज्ञों का मंथन, सेरेमिक उद्योग की दिशा पर विमर्श
सेमिनार के उद्घाटन सत्र और तकनीकी सत्रों में देशभर से आए खनन वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
वक्ताओं ने कहा कि बीकानेर में सेरेमिक उद्योग के रूप में विकास की अपार संभावनाएं हैं, परंतु मूल्य संवर्धन (Value Addition) के अभाव और आधारभूत संरचना की कमी बड़ी चुनौती है।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि क्ले क्राफ्ट इंडिया के डायरेक्टर राजेश अग्रवाल थे।
इस अवसर पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग, एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर के पूर्व डीन प्रो. सुशील भंडारी, ड्यूश बैंक के डायरेक्टर पंकज ओझा, मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी इंजी. कनक छंगाणी, और एमईआईए के अध्यक्ष दीपक तंवर सहित कई वक्ताओं ने विचार रखे।
🧱 बीकानेर बन सकता है सिरेमिक हब
वक्ताओं ने बताया कि बीकानेर क्षेत्र देश के कुल 90% जिप्सम और 70% वॉल क्ले उत्पादन का केंद्र है।
कुलगुरु प्रो. गर्ग ने कहा कि “उद्योग और अकादमिक जगत का तालमेल सेरेमिक क्षेत्र को नई ऊंचाई देगा।
राजस्थान में खनिज संसाधनों की प्रचुरता है, जरूरत है तो इन्हें मूल्य संवर्धन के साथ उपयोग में लाने की।”
ड्यूश बैंक के डायरेक्टर पंकज ओझा ने कहा कि “बीकानेर से मोरबी तक जाने वाले रॉ मैटेरियल से प्रतिवर्ष ₹60 हजार करोड़ का कारोबार होता है।
अगर प्रोसेसिंग बीकानेर में शुरू हो जाए तो हज़ारों युवाओं को स्थानीय रोजगार मिल सकता है।”
प्रो. सुशील भंडारी ने कहा कि आधुनिक तकनीक के प्रयोग से उद्योग की गति कई गुना बढ़ाई जा सकती है।
वहीं, इंजी. कनक छंगाणी ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्राथमिकता है कि राजस्थान का सेरेमिक उद्योग निवेश और रोजगार का केंद्र बने।
📚 पहले दिन हुए कई सत्र, सोवेनियर और प्रोसिडिंग का विमोचन
सेमिनार के पहले दिन आयोजित प्लेनरी सत्र की अध्यक्षता प्रो. अखिल रंजन गर्ग ने की, जबकि तकनीकी सत्र-2 का संचालन डॉ. पी.आर. नैनीवाल ने किया।
इस दौरान देशभर से प्राप्त शोध-पत्रों पर आधारित सोवेनियर और प्रोसिडिंग का विमोचन भी हुआ।
माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जोधपुर चैप्टर अध्यक्ष दीपक तंवर ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि सेमिनार में दो दिनों के दौरान 30 की-नोट स्पीच और 10 तकनीकी सत्र होंगे।
बीकानेर डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन के चेयरमैन राजेश चूरा ने कहा कि “क्ले उत्पादन के बाद उसके मूल्य संवर्धन पर हो रहा रिसर्च उद्योग के लिए शुभ संकेत है।”
सेमिनार संयोजक इंजी. महेश पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
कार्यक्रम में खनि अभियंता एम.पी. पुरोहित, राकेश पुरोहित, राकेश आचार्य, इंजी. अरुण आचार्य, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षाविद, उद्योगपति और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
🧩 सेमिनार का समापन रविवार को
दो दिवसीय सेमिनार का समापन रविवार को होगा, जिसमें राउंड टेबल डिस्कशन के माध्यम से उद्योग विकास के लिए नीतिगत सुझाव तैयार कर राज्य सरकार को भेजे जाएंगे।
