अजमेर | 13 अक्टूबर 2025 | HelloRajasthan
धर्म और इंसानियत की सरहदों को मिटाने वाली भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब का एक और खूबसूरत उदाहरण अजमेर में देखने को मिला। वृंदावन के प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज की सेहत में सुधार के लिए हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह शरीफ पर खास चादरपोशी और दुआ का आयोजन किया गया।
🌿 ख्वाजा गरीब नवाज़ के दर पर उठे हाथ – संत की सलामती के लिए की गई दुआ
अजमेर दरगाह शरीफ की अंजुमन सैय्यद जादगान और दादा पोता फाउंडेशन के सदस्यों ने मिलकर ख्वाजा गरीब नवाज़ के आस्ताने पर फूल और चादर पेश की।
इस मौके पर दरगाह के खादिम हाजी सैय्यद एहतेशाम चिश्ती, सैय्यद गफ्फार हुसैन काज़मी सहित कई जायरीन मौजूद रहे।
उन्होंने कहा –
“प्रेमानंद महाराज जैसे संत आज के दौर में इंसानियत और मोहब्बत की पहचान हैं। उनकी तंदुरुस्ती और लंबी उम्र के लिए हम सबने मिलकर दुआ की है।”

🕊️ मदीना से लेकर अजमेर तक – हर मज़हब ने मांगी दुआ
कुछ दिन पहले प्रेमानंद महाराज के अनुयायियों ने मदीना शरीफ में भी उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए दुआ मांगी थी। अब उसी श्रृंखला में अजमेर शरीफ दरगाह पर भी उनके चाहने वालों ने ख्वाजा गरीब नवाज़ के सामने दुआएँ मांगीं।
महाराज के अनुयायियों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग शामिल हैं। उनकी शिक्षाओं में धर्म नहीं, बल्कि मानवता, प्रेम और एकता का संदेश है।
🌼 “नफरत के दौर में प्रेमानंद जी इंसानियत की आवाज़ हैं” – दरगाह कमेटी
दरगाह के खादिम सैय्यद एहतेशाम चिश्ती ने कहा,
“आज जब समाज में नफरत का माहौल फैलाने की कोशिश की जा रही है, ऐसे में प्रेमानंद महाराज का संदेश इंसानियत की रोशनी फैलाता है। उन्होंने हमेशा ख्वाजा गरीब नवाज़ जैसी सूफियाना सोच को आगे बढ़ाया है।”
उन्होंने कहा कि इस दुआ में बड़ी संख्या में अनुयायी, महिलाएँ, युवक और धार्मिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए।
💫 धर्म से ऊपर उठी इंसानियत
प्रेमानंद महाराज की तबीयत बिगड़ने के बाददेशभर के मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक स्थलों पर उनकी सेहत के लिए पूजा-पाठ और दुआएँ की जा रही हैं।
अब जब अजमेर दरगाह में उनके लिए विशेष प्रार्थना हुई, तो यह फिर साबित हुआ कि
“इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।”
