🌟 सोमवार, 20 अक्टूबर को जगमगाएगा गुलाबी नगर – सुख-समृद्धि के लिए विशेष रहेगा वृषभ लग्न का संयोग
📍 जयपुर, 19 अक्टूबर 2025।
राजधानी जयपुर में दीपावली की रौनक अपने चरम पर है। जौहरी बाजार, त्रिपोलिया, बापू बाजार और चांदपोल जैसे ऐतिहासिक बाजार रंग-बिरंगी झालरों, रोशनी और पुष्प सजावट से जगमगा रहे हैं। शहर की सड़कों पर दीपों की झिलमिलाहट और मिठाइयों की खुशबू माहौल को उल्लासमय बना रही है।
लोग खरीदारी में व्यस्त हैं – कहीं सोने के सिक्के और चांदी के बर्तन बिक रहे हैं, तो कहीं इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ है। दीपावली का यह पर्व न केवल धन-धान्य की कामना का प्रतीक है बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का उत्सव भी है।
🕯️ जयपुर में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न-परामर्शदाता, ज्योतिर्विद् एवं वास्तुविद् विमल जैन के अनुसार, इस वर्ष दीपावली सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।
लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ समय सायं 5:27 बजे से रात्रि 8:09 बजे तक रहेगा।
🔹 वृषभ लग्न (सर्वश्रेष्ठ पूजन काल): सायं 6:50 बजे से रात्रि 8:47 बजे तक
🔹 प्रदोष काल: सायं 5:27 बजे से रात्रि 8:09 बजे तक
🔹 अमावस्या तिथि: सोमवार, 20 अक्टूबर दोपहर 3:46 बजे से मंगलवार, 21 अक्टूबर शाम 5:55 बजे तक
🌙 इस बार का विशेष संयोग:
अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, वृषभ लग्न और चर चौघड़िया का संयुक्त योग इस दीपावली को और अधिक फलदायी बना रहा है।
🪙 जयपुर में दीपावली का माहौल
राजधानी के बाजारों में दीपावली की रौनक और चमक चारों ओर फैली हुई है।
- मालवीय नगर, वैशाली नगर, सी-स्कीम और टोंक रोड इलाकों में घरों की बालकनियों और सड़कों पर रोशनी की चादर बिछ गई है।
- एमआई रोड से लेकर हवा महल तक, स्थानीय लोग दीयों और रंगोली से अपने घर सजा रहे हैं।
- मिठाई की दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें हैं – घेवर, बर्फी, लड्डू और काजू कतली की खुशबू ने पूरा माहौल उत्सवमय बना दिया है।
- बच्चों में पटाखों और रंग-बिरंगी लाइट्स को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है।
जयपुर नगर निगम ने शहर की मुख्य सड़कों और हेरिटेज इमारतों पर “इको-फ्रेंडली लाइटिंग” लगाई है, जिससे गुलाबी नगरी इस दीपावली पर एक स्वर्णिम जगमग शहर में बदल गई है।
📜 शास्त्रों में दीपावली का महत्व
ज्योतिर्विद् विमल जैन के अनुसार —
“दीपावली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है और यह पाँच दिवसीय दीपोत्सव का सबसे पवित्र दिन होता है। यह वह रात्रि है जब माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के घरों में प्रवेश करती हैं।”
शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन अमावस्या तिथि में प्रदोषकाल के दौरान जो व्यक्ति सच्चे मन से लक्ष्मी-गणेश पूजन करता है, उसके जीवन में धन, समृद्धि और सौभाग्य स्थायी रूप से आते हैं।
यह पर्व सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है –
अंधकार को मिटाकर ज्ञान, प्रेम और प्रकाश से जीवन को आलोकित करने का संदेश देता है।
🪔 लक्ष्मी पूजन का पारंपरिक विधान (संक्षेप में):
- लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर श्रीलक्ष्मी और श्रीगणेश की मूर्तियाँ स्थापित करें।
- चावल, पुष्प, सुपारी, दूर्वा और चांदी का सिक्का चढ़ाएँ।
- देशी घी का दीप जलाएँ और परिवार सहित आरती करें।
- रात्रि में “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें।
- पूजा के बाद घर और कार्यस्थल के प्रत्येक कोने में दीप जलाना शुभ माना गया है।
🌾 धन-समृद्धि के लिए क्या करें
- शाम को मुख्य द्वार पर दो दीप दक्षिण दिशा की ओर रखें।
- घर के कोनों में दीप जलाने से ऋण मुक्ति और धन वृद्धि के योग बनते हैं।
- झाड़ू, तिजोरी और लेखा पुस्तकों की पूजा करें – इसे कुबेर पूजा कहा जाता है।
🪔 दीपावली का संदेश
दीपावली केवल धन की प्राप्ति का पर्व नहीं, बल्कि मानवता, करुणा और सकारात्मकता का उत्सव है।
यह हमें सिखाती है कि जीवन के अंधकार को केवल प्रकाश, ज्ञान और सत्कर्मों से ही मिटाया जा सकता है।











