जयपुर, 16 अक्टूबर 2025।
जैसलमेर के थईयात गांव के पास हुई एसी स्लीपर बस अग्नि दुखान्तिका में 20 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना की विस्तृत समीक्षा कर परिवहन विभाग को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद विभाग ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की है।
⚖️ दो अधिकारी निलंबित, जांच में कई खामियां उजागर
प्राथमिक जांच में पता चला कि हादसे में शामिल स्लीपर बस (आरजे 09 पीए 8040) का पंजीयन, फिटनेस, बीमा और परमिट तो वैध था, लेकिन बस की बॉडी एआईएस-119 मानक के अनुरूप नहीं थी।
यह बस चित्तौड़गढ़ के जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय से 1 अक्टूबर 2025 को ही पंजीकृत हुई थी।
बस के पंजीयन के दौरान निरीक्षण करने वाले
- मोटर वाहन निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह गहलोत
- सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नीलाल नागदा
को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर मुख्यालय जयपुर भेजा गया है।
दोनों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी प्रस्तावित है।
🚌 हादसे वाली बस का निर्माता कंपनी के खिलाफ जांच
घटना में शामिल बस की बॉडी जैमन कोच क्राफ्टर, जोधपुर द्वारा तैयार की गई थी। अब प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, जोधपुर की टीम इस बॉडी बिल्डिंग कंपनी के परिसर की भी सघन जांच कर रही है। वहीं, वाहन मालिक की दो अन्य बसें भी बॉडी कोड उल्लंघन के कारण जब्त की गई हैं।
🚸 जयपुर की बाल वाहिनी दुर्घटना पर भी कार्रवाई
जयपुर में मंगलवार को हुई बाल वाहिनी दुर्घटना को लेकर भी सरकार ने सख्ती दिखाई है। जांच में पाया गया कि संबंधित वाहन का पंजीयन, फिटनेस, बीमा और परमिट समाप्त हो चुका था, फिर भी वह सड़कों पर संचालित हो रहा था।
इस मामले में परिवहन निरीक्षक अविनाश चौहान और मानवेन्द्र डोई को निलंबित कर दिया गया है, साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है।
🚨 पूरे प्रदेश में बसों की सघन जांच शुरू
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने सभी RTO और DTO को आदेश जारी किए हैं कि राज्य में संचालित सभी निजी यात्री बसों (विशेषकर स्लीपर बसों) की सघन जांच की जाए।
अब तक
- 11 अमानक बसें जब्त
- 18 बसों के चालान बनाए जा चुके हैं।
साथ ही, अगले 10 दिनों में पूरे प्रदेश की बसों की जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। नियमों के विपरीत पाई जाने वाली किसी भी बस पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाने को कहा गया है।
💬 परिवहन सचिव शुचि त्यागी का बयान
“जैसलमेर की दुखद घटना ने परिवहन व्यवस्था में गंभीर खामियों को उजागर किया है। सभी RTO और DTO के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। 10 दिनों में प्रदेश की सभी निजी बसों की फिटनेस और सुरक्षा मानकों की जांच होगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
