जयपुर, 6 नवंबर। राजस्थान में सर्दी की आहट शुरू हो गई है। बीकानेर, जयपुर,टोंक, अजमेर,कोटाए उदयपुर सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में गुरुवार सुबह खेतों और सड़कों पर ओस की बारीक परत जमी देखी गई। अधिकतर स्थानों पर लोगों ने बस स्टैंड और गलियों में अलाव जलाकर ठंड से बचाव किया। हवा में नमी और ठंडक के साथ सुबह का वातावरण खुशनुमा रहा।
बीकानेर जिले के स्थानीय बुजुर्ग बताते हैं -“जब श्रीकोलायत में मेला लगता है और कपिल सरोवर में श्रद्धालु स्नान करते हैं, तभी सर्दी की शुरुआत होती है।” इस बार भी वही लोककथा सच साबित होती दिख रही है।
🌬️ पूर्वी हवाओं से बढ़ा ठंडक का असर
बीकानेर पूगल के आडूरी गांव के चक चार एडी निवासी पुरखा राम नायक ने बताया –
“उत्तरी-पूर्वी हवाओं के कारण सर्दी की आहट तेज हो गई है।
यह मौसम फसलों के लिए जीवनदान की तरह है।”
उन्होंने बताया कि गेहूं, चना और जौ जैसी रबी फसलें इस मौसम में खूब फलेंगी, जबकि मूंगफली और मोठ जैसी खरीफ फसलें तापमान गिरने से प्रभावित हो सकती हैं।
🔥 अलाव बने राहत का सहारा, तापमान 14°C तक गिरा
बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के अनुसार, सुबह के समय तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। गांवों में अलाव जलाकर लोग गर्माहट का आनंद ले रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों ने स्वेटर और ऊनी टोपी पहननी शुरू कर दी है, जबकि पशुपालकों ने भी मवेशियों को ठंड से बचाने की तैयारी कर ली है।
🌱 कृषि विशेषज्ञों की राय – रबी फसलों के लिए अनुकूल मौसम
स्थानीय कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया –
“सर्द हवाओं के आगमन से वातावरण में नमी बनी रहती है, जिससे मिट्टी की ऊपरी सतह में जल स्तर बढ़ता है और अंकुरण दर सुधरती है।”
हालांकि, उन्होंने किसानों को चेताया –
“सुबह के समय ओस जमने से मूंगफली और मोठ की फसलों में फफूंद लगने का खतरा रहता है, इसलिए खेतों की नियमित निगरानी जरूरी है।”
🕯️ लोककथा फिर हुई सच – श्रीकोलायत मेले से शुरू हुई ठिठुरन
बीकानेर क्षेत्र में मान्यता है कि
“कपिल सरोवर में दीपदान के साथ ही सर्द हवाएं चलनी शुरू हो जाती हैं।” श्रीकोलायत मेले के बाद जैसे ही श्रद्धालु स्नान करते हैं, वैसे ही ठंड की शुरुआत होती है और ग्रामीण इलाकों में ‘ठिठुरन का मौसम’ लौट आता है।
