📍 बांसवाड़ा, 17 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने राजस्थान के जनजातीय बहुल जिले बांसवाड़ा से ‘स्वदेशी स्वावलंबन भारत अभियान’ की शुरुआत की।
यह आयोजन भारतीय विद्या मंदिर संस्थान, डायलाब रोड पर भव्य रूप से हुआ, जहां वागड़ अंचल की स्थानीय हस्तनिर्मित वस्तुओं और पारंपरिक उत्पादों की प्रदर्शनियों ने हजारों लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
🪔 स्थानीय उत्पादों को मिली नई पहचान
कार्यक्रम में मिट्टी के बर्तन, हर्बल साबुन, जैविक तेल, पारंपरिक वस्त्र और हस्तशिल्प उत्पादों की स्टॉल्स लगाई गईं। सभी उत्पाद पूर्णतः देशी थे — किसी विदेशी ब्रांड का प्रदर्शन नहीं किया गया। स्थानीय कारीगरों ने कहा कि इस अभियान से उन्हें अपने उत्पादों के लिए नया बाजार और पहचान दोनों मिलेंगे।
स्टॉल संचालिका पवित्रा शर्मा ने कहा –
“हम प्रधानमंत्री मोदी की थीम ‘स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ’ पर काम कर रहे हैं। इससे स्थानीय महिलाओं और कारीगरों को रोज़गार का अवसर मिलेगा।”
🙏 मुख्य अतिथि और आयोजक
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि विकास राज ने किया, जबकि संत रामप्रकाश महाराज (बड़ा रामद्वारा) ने अध्यक्षता की। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक डॉ. संत कुमार, आरएसएस के पदाधिकारी, शिक्षाविद् और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
🌾 जनजातीय समुदाय में उत्साह
वागड़ अंचल के आदिवासी समुदाय ने इस अभियान में विशेष रुचि दिखाई।
शिक्षक प्रभुलाल कटारा ने कहा —
“यहां सब लोकल प्रोडक्ट हैं। अगर हम स्वदेशी अपनाएंगे, तो हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और गांवों को रोज़गार मिलेगा।”
🗣️ डॉ. संत कुमार ने कहा
“यह अभियान सिर्फ उत्पादों की बिक्री नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में जनजागरण है। ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ’ का संदेश जनजातीय क्षेत्रों तक पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है।”
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत बीकानेर, विदिशा, रायपुर और जयपुर सहित देशभर में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।













