युगानुरुप चेतना का साहित्य कालजयी होता है- डॉ हुकुम जैन
कोटा। युगानुरुप चेतना का साहित्य कालजयी होता है। साहित्य की धारा को समझकर साहित्य लेखन किया जाना चाहिए । यह विचार आज़ 28 वे गौरीशंकर कमलेश स्मृति राजस्थानी भाषा साहित्य पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए इतिहासकार डॉ हुकुम चंद्र जैन सामने रखे। उन्होंने कहा कि युवा राजस्थानी लेखकों (Rajasthani Writer) अपनी … Read more