Tulsi Vivah 2025 यानी भगवान शालिग्राम (विष्णु) और माता तुलसी के पवित्र विवाह का शुभ पर्व आज, रविवार को मनाया जा रहा है।
हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है,
और इसके साथ ही चातुर्मास का समापन होता है – यानी अब सभी शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य फिर से प्रारंभ हो सकते हैं।
लेकिन इस बार विशेष संयोग यह है कि तुलसी विवाह रविवार को पड़ रहा है,
जब तुलसी के पौधे को छूना या पत्ते तोड़ना शास्त्रों में वर्जित माना गया है।
ऐसे में सवाल है – बिना छुए तुलसी विवाह कैसे करें?
इसका उत्तर देते हैं – हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिषी एवं वास्तुविद् – ज्योतिषविद् विमल जैन

🕉️ तुलसी विवाह 2025 का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार –
- तिथि आरंभ: 2 नवंबर 2025, सुबह 07:31 बजे
- तिथि समाप्त: 3 नवंबर 2025, सुबह 05:07 बजे
- मुख्य पूजा समय (गोधूलि वेला): शाम 05:35 बजे से 06:01 बजे तक
- अमृत काल: सुबह 09:29 बजे से 11:00 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक
👉 उदया तिथि के अनुसार तुलसी विवाह रविवार, 2 नवंबर को किया जाएगा।
🌿 रविवार को तुलसी को बिना छुए विवाह कैसे करें?
शास्त्रों के अनुसार रविवार और एकादशी को तुलसी के पौधे को छूना या पत्ते तोड़ना वर्जित है।
ऐसे में तुलसी विवाह के दिन इन नियमों का पालन इस प्रकार करें 👇
- तुलसी को जल गमले की मिट्टी में अर्पित करें, पौधे को स्पर्श न करें।
- चुनरी, चूड़ी, सिंदूर, वस्त्र आदि दूर से अर्पित करें – पौधे को न छुएं।
- विवाह के लिए मंडप, रंगोली, वस्त्र और सजावट का कार्य एक दिन पहले, यानी शनिवार को कर लें।
- फेरे के समय शालिग्राम जी और तुलसी माता की दूर से परिक्रमा करें।
- अंत में हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थना करें कि पूजा विधि में कोई त्रुटि न हुई हो।

🪔 रविवार के दिन तुलसी की पूजा विधि
- तुलसी के पौधे को पहले से स्वच्छ और सुसज्जित कर लें।
- गमले को गेरू, हल्दी से सजाएं और तुलसी माता को लाल चुनरी व सुहाग सामग्री अर्पित करें।
- तुलसी के पास गन्ने का मंडप बनाएं और आंगन में रंगोली सजाएं।
- भगवान शालिग्राम को पीले वस्त्रों सहित तुलसी के दाहिनी ओर स्थापित करें।
- शालिग्राम जी को पंचामृत स्नान, चंदन, रोली और जनेऊ अर्पित करें।
- शुभ मुहूर्त में तुलसी और शालिग्राम जी को तिलक लगाकर भोग लगाएं।
- सात फेरे की रस्म मंत्रों का जाप करते हुए दूर से करें।
- अंत में मंगल गीत और आरती के साथ विवाह पूर्ण करें।
🌸 तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व
तुलसी विवाह का दिन सौभाग्य, समृद्धि और धर्म की दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है।
इस दिन तुलसी माता और भगवान विष्णु के विवाह से घर में मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होता है और
परिवार में सौभाग्य, शांति और धन की वृद्धि के योग बनते हैं।
