जयपुर। राजस्थान सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य की 11 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में कार्यकाल पूरा कर चुके सरपंचों और पंचों को फिर से पट्टे बांटने की अनुमति दे दी है।
पंचायतीराज आयुक्त और सचिव जोगाराम ने इस संबंध में सभी जिला परिषदों को पत्र जारी किया है। अब कार्यकाल पूरा कर चुके सरपंच और पंच, प्रशासक और प्रशासकीय कमेटी के रूप में अपनी पंचायतों में पट्टा आवंटन की प्रक्रिया संचालित करेंगे।
⚖️ कैसे होंगे पट्टे जारी
पंचायतीराज विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पट्टा देने का निर्णय अकेले सरपंच नहीं कर सकेंगे। इसके लिए पंचायत में सरपंच, उप-सरपंच और वार्ड पंचों की एक कमेटी गठित की जाएगी, जो प्रशासक की तरह काम करेगी। यह प्रक्रिया राजस्थान पंचायती राज नियम-1996 के प्रावधानों के तहत होगी।

🏘️ कितनी पंचायतों में लागू होगा आदेश
राजस्थान की 11,310 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इन पंचायतों में पूर्व सरपंचों को प्रशासक और पूर्व उपसरपंचों व वार्ड पंचों को प्रशासकीय समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। सरकार ने अब उन्हें पहले जैसी ही प्रशासनिक पॉवर और अधिकार सौंप दिए हैं।
⚔️ विपक्ष का आरोप
विपक्षी दलों ने इस फैसले को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि पहले भी कई पंचायतों में नियम विरुद्ध जमीनों के पट्टे देने के मामले सामने आए थे। अब सरकार के इस फैसले से ग्राम पंचायतों में जमीनों के गलत आवंटन और भ्रष्टाचार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
🗣️ विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम सरकार का “चुनावी दांव” हो सकता है, क्योंकि पंचायत चुनावों से पहले यह फैसला गांवों में जनप्रतिनिधियों को सक्रिय करने का प्रयास माना जा रहा है।