जयपुर | 13 अक्टूबर 2025 | HelloRajasthan Festive Desk
दीपावली से पहले जयपुर के बाजारों में फिर से रौनक लौट आई है। पुराने शहर की गलियाँ – जौहरी बाजार, बापू बाजार, त्रिपोलिया और चौड़ी चौपड़ –
रात होते ही सुनहरी रोशनी से जगमगाने लगी हैं। इस बार बाजारों में खास बात यह है कि स्थानीय कारीगरों के मिट्टी के दीयों और देसी सजावटी सामान की मांग ने विदेशी लाइटों को पीछे छोड़ दिया है।
🏺 स्थानीय कारीगरों के लिए दीपावली बनी उम्मीद की किरण
जयपुर के पास बसे गांवों के कुम्हार परिवार दिन-रात दीये, गणेश-लक्ष्मी मूर्तियाँ और पारंपरिक झूमर तैयार करने में जुटे हैं। शास्त्री नगर निवासी लक्ष्मण कुम्हार बताते हैं –
“इस साल ऑर्डर ज़्यादा मिले हैं। लोग फिर से मिट्टी के दीये और देसी दीप सजावट की ओर लौट रहे हैं।”
जयपुर हस्तशिल्प संघ के अनुसार, इस वर्ष मिट्टी के दीयों की बिक्री में 35% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकारी “वोकल फॉर लोकल” अभियान और सोशल मीडिया पर “#DesiDiwali” ट्रेंड ने भी इस बदलाव को प्रोत्साहित किया है।
🛍️ महिलाओं ने संभाली सजावट और लाइटिंग की कमान
बाजारों में इस बार महिला उद्यमियों का बोलबाला है।
गुलाब नगर की नीलम शर्मा ने बताया –
“हमने रंगोली, तोरण, और इको-फ्रेंडली दीयों की थीम तैयार की है। ग्राहक अब प्लास्टिक की जगह हैंडमेड सामान खरीदना पसंद कर रहे हैं।”
जयपुर हाट बाजार में बनी महिलाओं की सहकारी समितियाँ अब ऑनलाइन ऑर्डर भी ले रही हैं। दीपावली के पहले हफ्ते में ही करीब ₹75 लाख से अधिक का स्थानीय व्यापार दर्ज किया गया है।
🌆 विदेशी पर्यटकों के लिए भी बना आकर्षण
जयपुर में मौजूद विदेशी पर्यटक भी दीपावली बाजार की झलक देख उत्साहित हैं। अमेरिका से आई लिंडा हैरिसन ने कहा-
“जयपुर की दीपावली एक त्योहार नहीं, एक अनुभव है। हर गली रंग और संस्कृति से भरी हुई लगती है।”
💡 राजस्थान सरकार ने बढ़ाई स्थानीय व्यापारियों को राहत
राज्य सरकार ने दीपावली सीजन के दौरान
- बिजली बिलों पर राहत,
- अस्थायी स्टॉल्स की अनुमति,
- और ‘फेस्टिव क्राफ्ट वीक’ शुरू करने की घोषणा की है।
इससे छोटे व्यापारियों और हस्तशिल्प कलाकारों को सीधा आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है।