📍 कानपुर/फतेहपुर, 17 अक्टूबर।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर और फतेहपुर दौरे पर रहे। उन्होंने दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया।
राहुल गांधी ने मुलाकात के बाद कहा –
“मैं परिवार से मिलूं या ना मिलूं, लेकिन न्याय जरूर मिलना चाहिए। परिवार ने बताया कि आज उन्हें सरकार के लोगों ने धमकाया है और धमकाकर वीडियो बनवाया गया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
🔸 परिवार से मुलाकात से पहले हुआ विवाद
राहुल गांधी सुबह कानपुर पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से फतेहपुर स्थित हरिओम वाल्मीकि के घर पहुंचे। शुरुआत में परिवार ने राहुल गांधी से मिलने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते पुलिस ने राहुल के काफिले को रोक लिया।
बाद में प्रशासन से बातचीत के बाद राहुल को परिवार से मिलने की अनुमति दी गई।
🔸 राहुल बोले – “दलित होना अब भी जानलेवा गुनाह?”
मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से कहा –
“हरिओम वाल्मीकि की नृशंस हत्या ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। उनके परिवार की आंखों में दर्द के साथ एक सवाल था – क्या इस देश में दलित होना अब भी जानलेवा गुनाह है?”
राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था गुनहगारों की ढाल बन गई है और पीड़ित परिवार को ही कठघरे में खड़ा कर रही है।
“न्याय को नज़रबंद नहीं किया जा सकता। भाजपा सरकार को चाहिए कि पीड़ित परिवार पर दबाव खत्म करे और दोषियों को सख्त सज़ा दिलाए।”
🔸 परिवार को मिला राहुल का समर्थन
राहुल गांधी ने कहा कि वे हरिओम वाल्मीकि के परिवार और देश के हर शोषित, वंचित और कमजोर नागरिक के साथ मजबूती से खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हर उस आवाज़ की है जो अन्याय के सामने झुकने से इनकार करती है।
🔸 घटना पृष्ठभूमि
2 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हरिओम वाल्मीकि नामक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले ने प्रदेशभर में आक्रोश और राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी।
राज्य सरकार ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और परिवार को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई है।
हालांकि, राहुल गांधी ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार को दबाव में रखकर वीडियो बनवाया गया है ताकि राजनीतिक हस्तक्षेप से बचा जा सके।
📸 राहुल गांधी का संदेश
“यह केवल हरिओम के लिए नहीं, बल्कि उस हर नागरिक के लिए लड़ाई है जो अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना चाहता है। सत्ता चाहे जितनी ताकतवर क्यों न हो, सत्य और न्याय की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता।”
