रीको ने पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस को 65 एकड़ भूमि आवंटित की, राजस्थान बनेगा ई-मोबिलिटी हब
📍 जयपुर, 18 अक्टूबर 2025।
राजस्थान अब जल्द ही देश के प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण केंद्रों में शामिल होने जा रहा है।
राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (RIICO) ने घीलोठ औद्योगिक क्षेत्र में पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को इलेक्ट्रिक बस निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए 2,65,329 वर्गमीटर (लगभग 65.56 एकड़) भूमि आवंटित की है।
इस परियोजना में ₹1200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
🏭 घीलोठ बनेगा राजस्थान का इलेक्ट्रिक बस हब
रीको द्वारा जारी ऑफर लेटर के अनुसार, यह भूमि लगभग ₹208 करोड़ रुपये की अनुमानित कीमत पर दी गई है।
इस इलेक्ट्रिक बस प्लांट के शुरू होने से राजस्थान में हरित परिवहन (Green Mobility) को बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश ई-मोबिलिटी हब के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा।
परियोजना के तहत अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। यह न केवल औद्योगिक विकास को गति देगा बल्कि राज्य के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
🤝 राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का परिणाम
यह निवेश “Rising Rajasthan Investment Summit” के दौरान राज्य सरकार और कंपनी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) का हिस्सा है।
रीको ने तेज़ी से कार्यवाही करते हुए हाल ही में आयोजित ई-ऑक्शन प्रक्रिया के माध्यम से भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण कर दी है।
रीको अधिकारियों के अनुसार, यह निवेश राजस्थान में स्थायी औद्योगिक विकास और हरित रोजगार सृजन की दिशा में बड़ा कदम है।
🗣️ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उद्योगोन्मुख नीति का परिणाम
राज्य सरकार की उद्योग-हितैषी नीतियों, पारदर्शी प्रक्रियाओं और त्वरित भूमि आवंटन प्रणाली के चलते राजस्थान अब देश के उन राज्यों में शामिल हो गया है, जो सबसे तेज़ी से निवेश आकर्षित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनाया जाए।
🌱 हरित परिवहन की दिशा में बड़ा कदम
इस परियोजना के लागू होने से राजस्थान में इलेक्ट्रिक बसों का स्थानीय निर्माण शुरू होगा, जिससे सार्वजनिक परिवहन में कार्बन उत्सर्जन में कमी, ईंधन बचत और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल राजस्थान को “ग्रीन मोबिलिटी हब ऑफ इंडिया” बनने की दिशा में ले जाएगी।
