जयपुर। किसानों की क्षमता वृद्धि के लिए आयोजित नॉलेज एनहांसमेंट प्रोग्राम के तहत राजस्थान के 38 प्रगतिशील किसान तीन मंत्रियों के नेतृत्व में इन दिनों डेनमार्क दौरे पर हैं। यह दल वहां कृषि और पशुपालन की नई तकनीकों एवं नवाचारों का अध्ययन कर रहा है।
डेनमार्क में भारतीय दल ने कई संगठनों के साथ बैठकें कीं, जिनमें कृषि और पशुपालन क्षेत्र के विकास हेतु दोनों देशों के बीच अनुभवों और जानकारियों का आदान-प्रदान हुआ। दौरे के दूसरे दिन किसानों और पशुपालकों ने आहरस (Aarhus) स्थित एग्रो फूड पार्क (Agro Food Park,Denmark) का भ्रमण किया। वहां उन्होंने पशुओं के उन्नत आवास, दूध उत्पादन बढ़ाने की तकनीक, दूध की गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ सुधार के उपायों के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी ली।
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने डेनमार्क की कंपनियों को राजस्थान में पशुपालन क्षेत्र में हो रहे वैज्ञानिक विकासों से अवगत कराया। वहीं राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि डेनमार्क की तकनीक का उपयोग कर राजस्थान की देसी नस्लों में दूध उत्पादन बढ़ाने पर कार्य किया जा सकता है।

दल ने एक ऑर्गेनिक डेयरी फार्म का भी दौरा किया, जहां गायों को पूर्ण रूप से जैविक तरीके से पाला जा रहा है। इस दूध को किसान सहकारी संस्थाओं के माध्यम से बेहतर दामों पर बेचा जाता है। भारतीय किसानों ने इस पद्धति में गहरी रुचि दिखाई और इसे राजस्थान में अपनाने की इच्छा जताई।
पहले दिन किसानों को पशुओं की नस्ल सुधार, डेटा संग्रह और दूध उत्पादन बढ़ाने के वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी दी गई।
इस दल में जोराराम कुमावत, ओटा राम देवासी, जवाहर सिंह बेढम, सी आर चौधरी, डॉ. समित शर्मा, राजन विशाल, नौ अधिकारी एवं 38 किसान शामिल हैं। यह दल 13 अक्टूबर को दौरा समाप्त कर 14 अक्टूबर को नई दिल्ली लौटेगा।
यह अध्ययन दौरा राजस्थान में कृषि और पशुपालन में नवाचार, जैविक खेती, तकनीकी सुधार और विपणन प्रणाली को नई दिशा देगा।