नई दिल्ली, 4 नवंबर। हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदुजा का लंदन में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद उन्होंने समूह की कमान संभाली थी।
💼 भारत से ब्रिटेन तक की बिजनेस लेगेसी
गोपीचंद हिंदुजा को भारत के सबसे प्रभावशाली वैश्विक उद्योगपतियों में गिना जाता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1959 में मुंबई स्थित हिंदुजा ग्रुप से की थी। 1984 में गल्फ ऑयल के अधिग्रहण और 1987 में अशोक लीलैंड को संकट से उबारने का निर्णय उन्हीं का था। इन कदमों ने हिंदुजा ग्रुप को भारत की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट सफलता की कहानियों में शामिल कर दिया।
उनकी अगुवाई में समूह ने पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग, फाइनेंस और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति दर्ज की।
🌍 सबसे अमीर परिवारों में शामिल
2025 की संडे टाइम्स रिच लिस्ट के अनुसार, गोपीचंद हिंदुजा और उनका परिवार ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार बना रहा। उनकी कुल संपत्ति का अनुमान 40 बिलियन पाउंड से अधिक लगाया गया था। हिंदुजा ग्रुप की स्थापना उनके पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1919 में की थी, जिसकी नींव उस समय सिंध (अब पाकिस्तान) में रखी गई थी।
🎓 शिक्षा और परिवार गोपीचंद हिंदुजा ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से ग्रेजुएशन किया, इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिन्स्टर (लंदन) से डॉक्टरेट इन लॉ और रिचमंड कॉलेज से डॉक्टरेट इन इकोनॉमिक्स की डिग्री प्राप्त की।
उनकी पत्नी का नाम सुनीता हिंदुजा है। उनके दो बेटे संजय और धीरज हिंदुजा, और एक बेटी रीता हिंदुजा हैं। वर्तमान में ग्रुप के प्रबंधन की जिम्मेदारी परिवार के अन्य सदस्यों – प्रकाश पी. हिंदुजा और अशोक पी. हिंदुजा के पास रहेगी।
🏢 हिंदुजा ग्रुप का वैश्विक विस्तार
भले ही हिंदुजा परिवार का मुख्य निवास लंदन में है, लेकिन समूह का मुख्यालय अभी भी मुंबई में स्थित है। कंपनी बैंकिंग, फाइनेंस, एनर्जी, मीडिया, ट्रक मैन्युफैक्चरिंग, लुब्रिकेंट्स और केबल टीवी जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है। दुनियाभर में इसके 2 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
