बीकानेर, 15 नवंबर। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि देश ने पिछले बारह वर्षों में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत अब चौथे स्थान पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि इस उभरती आर्थिक शक्ति के निर्माण में देश के श्रमिकों और मजदूरों का महत्वपूर्ण योगदान है।
वे शनिवार को बीकानेर के गंगाशहर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित भारतीय परिवहन मजदूर संघ के 26वें त्रैवार्षिक अखिल भारतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

“संगठन का अस्तित्व तभी टिकता है जब वह समाज और राष्ट्रहित से जुड़ा हो”
राज्यपाल ने कहा कि कोई भी संगठन यदि केवल स्वार्थ पर आधारित होकर कार्य करता है, तो उसका वजूद लंबे समय तक नहीं टिक पाता।
उन्होंने कहा—
“अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों को समझना और निभाना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने मजदूरों को देश की विकासधुरी बताया और कहा कि राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए श्रमिकों की भूमिका निर्णायक है।
दत्तोपंत ठेंगड़ी का संदर्भ—‘मजदूर सभ्यता से दुनिया को एक कर सकते हैं’
राज्यपाल बागडे ने भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचारों को स्मरण करते हुए कहा कि ठेंगड़ी ने 1955 में संगठन की स्थापना कर देशभर के मजदूरों को एकजुट किया।
उन्होंने कहा कि ठेंगड़ी का मानना था कि स्वदेशी के प्रोत्साहन के बिना राष्ट्र का समग्र विकास संभव नहीं।
राजस्थान की गौरवशाली परंपरा को सराहा
अपने संबोधन में राज्यपाल ने राजस्थान को वीरों और संतों की धरती बताया।
उन्होंने बप्पा रावल और अन्य प्रतापी राजाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इस प्रदेश ने सदियों से विदेशी आक्रमणों का डटकर सामना किया है।
उन्होंने बीकानेर के रसगुल्ला और भुजिया की विश्वस्तरीय पहचान का भी जिक्र किया।
अधिवेशन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से
कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई।
इस अवसर पर—
- स्वागताध्यक्ष मक्खन लाल कांडा ने स्वागत भाषण दिया।
- भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महामंत्री रविंद्र हिमते ने संगठन के इतिहास और वर्तमान गतिविधियों की जानकारी दी।
- भारतीय परिवहन मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमाकांत सचान ने अध्यक्षीय संबोधन दिया।
कार्यक्रम में वीआर वाच्छानी, हरिमोहन शर्मा, विधायक जेठानंद व्यास, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, एसपी कावेंद्र सागर, सुमन छाजेड़ सहित देशभर से आए प्रतिनिधि मौजूद रहे।












