समस्याओं से जूझते समाज की हीलिंग का काम करता है साहित्य : कुमार अजय

डॉ. ओ.पी. शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट, चूरू की ओर से जोधपुर के डॉ फतेह सिंह भाटी को मनुज साहित्य सम्मान-2025

कथाकार स्नेहलता शर्मा के हिन्दी कहानी-संग्रह ‘वजूद’ का लोकार्पण

चूरू। वरिष्ठ लेखक तथा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक कुमार अजय ने साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान समाज अनेक तरह की कमजोरियों और बीमारियों से ग्रस्त है। कुंठा, तनाव और अवसाद तथा उनसे जनित घटनाएं हमें बताती हैं कि समाज एक बड़े संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। कुमार अजय नगर-श्री चूरू के सभागार में आयोजित साहित्य-समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुमार अजय ने कहा कि संवेदना और संवाद के स्तर पर हम बड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में साहित्य और साहित्यिक आयोजन समाज की हीलिंग करने का काम करते हैं।

उन्होंने डॉ भाटी और स्नेहलता शर्मा के साहित्य पर चर्चा करते हुए कहा कि स्त्री तब से लेकर अब तक संघर्ष में ही है। इनका लेखन इस संघर्ष की पड़ताल करता है। उन्होंने ट्रस्ट की सराहना करते हुए कहा कि पुरखों की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास सराहनीय है।

इस अवसर पर डॉ.ओ.पी.शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट, चूरू की ओर से रविवार को नगर-श्री चूरू के सभागार में आयोजित साहित्य-समारोह में जोधपुर के जाने-माने साहित्यकार डॉ. फतेह सिंह भाटी को प्रतिष्ठित मनुज साहित्य-सम्मान 2025 अर्पित किया गया। सम्मान स्वरूप सम्मान-पत्र, शॉल, श्रीफल, स्मृति-चिह्न एवं ग्यारह हजार रुपये प्रदान किये गये। इस अवसर पर कथाकार स्नेहलता शर्मा के हिन्दी कहानी-संग्रह ‘वजूद’ का लोकार्पण भी हुआ।

Kumar Ajay, Literature, society, healing tool, Kumar Ajay Churu, Churu Kumar Ajay,
श्री चूरू के सभागार में आयोजित साहित्य-समारोह

समारोह अध्यक्ष और विचारक प्रोफेसर कमल सिंह कोठारी ने कहा कि डॉ. ओमप्रकाश शर्मा का जीवन और सृजन हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायी है। उनके व्यक्तित्व से हम सीख सकते हैं कि प्रतिकूल परिस्थिति में अपने इरादे दृढ़ रखते हुए किस प्रकार आगे बढ़ा जाता है। जेन-जी जैसे नए किंतु विध्वंसक तत्वों को किनारे करते हुए हमें एक संस्कारवान पीढ़ी तैयार करनी है और इस कार्य के लिए डॉ. ओमप्रकाश शर्मा जैसे उज्ज्वल चरित्रों से ही प्रेरणा मिल सकती है। उन्होंने स्नेहलता शर्मा की पुस्तक वजूद की कहानियों की सराहना की।

साहित्यकार डॉ. फतेहसिंह भाटी ने अपने प्रयुत्तर में कहा कि सच्चा साहित्यकार वह होता है, जो अपने लेखन में लोकमानस में रचे-बसे पात्रों को जीवन्त करता है, क्योंकि इन पात्रों को अगली पीढ़ी तक लेकर जाना बहुत जरूरी है। साहित्यकार का यह भी दायित्व है कि वह ऐसे पात्रों को भी अपने रचनाकर्म में सम्मिलित करे, जिनके विषय में लोगों को अधिक जानकारी नहीं है।

Kumar Ajay, Literature, society, healing tool, Kumar Ajay Churu, Churu Kumar Ajay,
श्री चूरू के सभागार में आयोजित साहित्य-समारोह

अतिथियों का स्वागत करते हुए रवीन्द्र शर्मा ने कहा कि साहित्य के लिए अपना जीवन होम करने वाले साधकों का सम्मान करना संस्थाओं और समाज का कर्तव्य है। उन्होंने ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी भी दी। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्नेहलता शर्मा ने कहा कि साहित्य में सत्यं-शिवम-सुंदरम का आदर्श सर्वोच्च होना चाहिए।

प्रबन्धन ट्रस्टी डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, एडवोकेट सुरेश शर्मा, श्यामसुंदर शर्मा, विनोद मेहता, डॉ. प्रमोद बाजोरिया, गुरुदास भारती, रवींद्र शर्मा, राजेन्द्र मुसाफ़िर, आशुतोष, इदरीश खत्री, ओमप्रकाश तंवर आदि ने सम्मान्य साहित्यकार व अतिथियों का स्वागत-अभिनन्दन किया। मंच संचालन साहित्यकार प्रो. सुरेन्द्र सोनी ने किया। इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी मनीष कुमार, बाबूलाल शर्मा, मनमीत सोनी, ऊषा शर्मा, अनसुईया शर्मा, पुष्पा शर्मा, मीना सोनी, आनंदबाला, विजयलक्ष्मी पारीक, भगवती पारीक, सरोज, लाजवंती मुद्गल, उमा सारस्वत, दीपिका शर्मा, डॉ. कमल वशिष्ठ, विश्वनाथ तंवर, हरिसिंह, रमेश सोनी, बाबूलाल शर्मा, विजयकान्त, दिनेश तोषाण, शिवकुमार गोइन्का, बृजेन्द्र दाधीच, शैलेन्द्र माथुर, सोमेश शर्मा, सज्जन लाटा सहित अनेक प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित थे।