जैसलमेर, 24 अक्टूबर 2025। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय सेना की सुरक्षा स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने तनोट माता मंदिर और लोंगेवाला युद्ध स्थल जैसे अग्रिम सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा भी किया तथा जवानों के उत्साह और प्रतिबद्धता की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और देश की सेनाएं हर परिस्थिति में राष्ट्र की रक्षा करने के लिए तत्पर हैं।

🇮🇳 “ऑपरेशन सिंदूर” – भारत की रणनीतिक शक्ति और साहस का प्रतीक
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा —
“ऑपरेशन सिंदूर इतिहास में सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत के साहस, संयम और रणनीतिक स्पष्टता का प्रतीक बन चुका है। हमारे सैनिकों की ताकत केवल हथियारों में नहीं, बल्कि उनके नैतिक अनुशासन और देशभक्ति में निहित है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि “अभी केवल स्थगित हुआ है।”
“जब तक आतंक की मानसिकता समाप्त नहीं होगी, भारत की शांति के लिए चल रहा मिशन जारी रहेगा,” उन्होंने कहा।
⚔️ भारत की नई रक्षा सोच – अपनी शर्तों पर जवाब
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह संदेश दिया है कि भारत अब किसी भी आतंकी गतिविधि या चुनौती का जवाब अपनी शर्तों पर देगा।
उन्होंने इसे “नए भारत का रक्षा सिद्धांत” बताते हुए कहा –
“यह भारत का नया युग है, जहाँ हमारी सेनाएँ संयम के साथ-साथ दृढ़ संकल्प और साहस का प्रतीक हैं।”
🪖 सैनिकों से सतर्क रहने और दुश्मन को कभी कम न आंकने की अपील
राजनाथ सिंह ने जवानों से कहा कि वे हमेशा सतर्क, सजग और तैयार रहें।
उन्होंने कहा –
“हमारे विरोधी, चाहे बाहरी हों या आंतरिक, निष्क्रिय नहीं रहते। हमें भी उनकी हर गतिविधि पर पैनी नज़र रखनी चाहिए और हर समय प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना चाहिए।”
🛰️ रक्षा कूटनीति और आत्मनिर्भर भारत पर फोकस
रक्षा मंत्री ने कमांडरों से कहा कि आने वाले समय में भारतीय सेना को रक्षा कूटनीति, आत्मनिर्भरता (Atmanirbharta), सूचना युद्ध (Information Warfare), साइबर सुरक्षा, और सेना के आधुनिकीकरण पर लगातार ध्यान देना होगा।
उन्होंने सरकार की ओर से सेना को आधुनिक तकनीक, रक्षा अवसंरचना और प्रशिक्षण संसाधन मुहैया कराने की प्रतिबद्धता दोहराई।
🕊️ अनुच्छेद 370 के बाद कश्मीर में शांति का नया अध्याय
जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का उन्मूलन ऐतिहासिक फैसला रहा है।
“आज घाटी की सड़कों पर अशांति नहीं, उम्मीदें हैं। सेना ने वहाँ शांति और विकास का वातावरण स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है,” उन्होंने कहा।
🧊 सीमाओं पर संतुलन और संवाद की नीति
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की विदेश नीति संतुलित और दृढ़ है।
“हम बातचीत के पक्षधर हैं, लेकिन हमारी सीमाओं की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा। बातचीत और तत्परता दोनों साथ-साथ चलेंगी।”
⚙️ आधुनिक तकनीक और नवाचार की दिशा में भारतीय सेना
सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री ने कोणार्क के एज डेटा सेंटर का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने सेना के लिए “सैनिक यात्री मित्र ऐप” लॉन्च किया और ‘रक्षा बाजरा व्यंजन संग्रह’ पुस्तक का विमोचन किया, जिसे आर्मी सर्विस कोर सेंटर एंड कॉलेज, बेंगलुरु ने तैयार किया है।
इसके अलावा, देश भर में पूर्व सैनिकों के लिए ‘नमन केंद्रों’ का भी उद्घाटन किया गया।
🕯️ लोंगेवाला युद्ध स्थल पर श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री ने 1971 के लोंगेवाला युद्ध स्थल पर वीरों को पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने युद्ध नायक ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी की स्मृति में “चांदपुरी हॉल” का उद्घाटन किया और युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों का सम्मान किया।
“लोंगेवाला भारतीय सेना की बहादुरी और साहस का जीवंत प्रतीक है,” रक्षा मंत्री ने कहा।
🛡️ क्षमता प्रदर्शन और नई तकनीक का प्रदर्शन
जैसलमेर में आयोजित ‘कैपेबिलिटी डेमोंस्ट्रेशन एक्सरसाइज’ में उन्होंने भारतीय सेना की नई तकनीकों और युद्ध कौशल का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।
इस अभ्यास में भैरव बटालियन और अश्नी प्लाटून ने भाग लिया और आधुनिक हथियार प्रणालियों तथा सामरिक नवाचारों का प्रदर्शन किया।
🧭 सम्मेलन में शामिल रहे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी
इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेंद्र सिंह सहित सभी सेना कमांडर उपस्थित रहे।
सम्मेलन में ग्रे ज़ोन वॉरफेयर, संयुक्तता (Jointness), आत्मनिर्भरता और नवाचार के रोडमैप जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।













